जानिए क्यों करते है गणेशजी की पूजा दूर्वा के जोड़े से
जानिए क्यों करते है गणेशजी की पूजा दूर्वा के जोड़े से
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कहा जाता है की अगर दूर्वा से भगवान गणेशजी की पूजा की जाये तो वो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते है.गणेश जी को दूर्वा चढाने का खास तरीका होता है.गणेश जी को हमेशा दूर्वा का जोड़ा बनाकर चढ़ाना चाहिए यानि कि 22 दूर्वा को जोड़े से बनाने पर 11 जोड़ा दूर्वा का तैयार हो जाता है. जिसे भगवान गणेश को अर्पित करने से मनोकामना की पूर्ति में सहायक माना गया है. 

आइये जानते है की गणेश को जोडे में दूर्वा क्यों चढाई जाती है -

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में अनलासुर नाम का एक दैत्य था. इस दैत्य के कोप से स्वर्ग और धरती पर त्राही-त्राही मची हुई थी. अनलासुर ऋषि-मुनियों और आम लोगों को जिंदा निगल जाता था. दैत्य से त्रस्त होकर देवराज इंद्र सहित सभी देवी-देवता और प्रमुख ऋषि-मुनि महादेव से प्रार्थना करने पहुंचे. सभी ने शिवजी से प्रार्थना की कि वे अनलासुर के आतंक का नाश करें.

शिवजी ने सभी देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की प्रार्थना सुनकर कहा कि अनलासुर का अंत केवल श्रीगणेश ही कर सकते हैं.

जब श्रीगणेश ने अनलासुर को निगला तो उनके पेट में बहुत जलन होने लगी. कई प्रकार के उपाय करने के बाद भी गणेशजी के पेट की जलन शांत नहीं हो रही थी. तब कश्यप ऋषि ने दूर्वा की 21 गांठ बनाकर श्रीगणेश को खाने को दी. जब गणेशजी ने दूर्वा ग्रहण की तो उनके पेट की जलन शांत हो गई. तभी से श्रीगणेश को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ हुई.

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