कवि दिवस पर कवियों को समर्पित शायरियां
कवि दिवस पर कवियों को समर्पित शायरियां
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1. तू बेवफ़ा है तो इक बुरी ख़बर सुन ले,
कि इंतज़ार मेरा दूसरा भी करता है,
हसीन लोगों से मिलने पे एतराज़ न कर,
ये जुर्म वो है जो शादीशुदा भी करता है.
मुनव्वर राणा


2. लोग हर मोड़ पर रुक-रुक के संभलते क्यों है,
इतना डरते है तो फिर घर से निकलते क्यों है,
मोड़ तो होता हैं जवानी का संभलने के लिये,
और सब लोग यही आकर फिसलते क्यों हैं.
राहत इन्दोरी

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