वीमेन एम्पावरमेंट : शुरू हुआ महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन
वीमेन एम्पावरमेंट : शुरू हुआ महिला जनप्रतिनिधि सम्मेलन
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नई दिल्ली :  दिल्ली में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा आयोजित महिलाओं के विशेष सम्मेलन में महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी पहुंचे। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व प्रदान करने वाला विधेयक अब तक संसद में पारित नहीं हो पाया है। इस विधेयक को पारित करवाना सभी राजनीतिक दलों का दायित्व है क्योंकि इस विषय पर उनकी प्रतिबद्धता इसे अमलीजामा पहनाकर पूरी करना था।

दरअसल उन्होंने अपील की कि विधानसभाओं और संसद के सदनों में महिलाओं को एक तिहाई प्रतिनिधित्व देने वाले विधेयक को पारित किया जाए। राज्यों की महिला विधायकों और विधान पार्षदों के सम्मेलन के सम्मेलन को उन्होंने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। दो तिहाई बहुमत से एक सदन में पारित होने के बाद महिलाओं को संसद के साथ ही राज्य विधानसभाओं और परिषदों में आरक्षण विधेयक को पारित करवाना होगा। दरअसल यह आरक्षण विधेयक इन सदनों में अभी तक पारित नहीं हो पाया है। इस विधेयक में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है। उनका कहना था कि यह सब राजनीतिक दलों का ही दायित्व है।

उनका कहना था कि महिलाओं का सशक्तिकरण संविधान प्रदत्त अधिकार है जो कि समानता के अधिकार हेतु आवश्यक है। इस दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री, विभिन्न दलों की महिलाऐं और सांसद व राज्य विधानसभाओं की विधायक व पार्षद उपस्थित थीं। 

इस आयोजन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होगी। हालांकि बसपा प्रमुख मायावती और कुछ अन्य महिलाऐं इस आयोजन से दूर ही रहीं। दूसरी ओर इस सम्मेलन में राज्यों से चुनी गईं 300 महिलाओं के अतिरिक्त केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सांसदों, न्यायिक और प्रशासनिक व राजनयिक वर्ग से जुड़ी महिलाओं को निमंत्रित किया गया।

इस आयोजन में जहां बसपा प्रमुख मायावती ने शामिल होने से इंकार कर दिया वहीं जयललिता ने भी चुनाव के चलते शिरकत करने से इन्कार कर दिया है। ममता बनर्जी ने इस मामले में यह भी कहा कि राज्य में चुनाव का दौर है ऐसे में वे भागीदारी नहीं कर पाऐंगी।सम्मेलन दो दिन चलेगा जिसमें तीन सेशन होंगे। महिलाओं से जुड़े कई मामलों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम को कामयाब बनाने के लिए 60 के करीब सोशल मीडिया एक्सपर्ट काम कर रहें है।

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