क्या आप भी है मर्यादा पुरषोत्तम राम?
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मर्यादा पुरुषोत्तम यानी प्रभु श्री राम जिन्हे भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना गया हैं. राम का चरित्र एक आदर्श व्यक्ति का है, राम की प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है. लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहा जाता हैं. क्या आप भी हैं मर्यादा पुरषोत्तम? मर्यादा पुरषोत्तम बनने के लिए आप में भी इन खास बातों का होना बहुत जरुरी होता हैं-

-श्री राम के जीवन से हमें धर्माचरण का संदेश प्राप्त होता हैं.

-श्री राम ने माता-पिता का बहुमूल्य प्यार छोड़ा, भाइयों का स्नेह छोड़ा, सीता जैसी पत्नी छोड़ी लेकिन उन्होंने अपना धर्म नहीं छोड़ा. धर्म को हमेशा हृदय में बसाकर हमें जीवन यापन करना चाहिए.

-भगवान श्रीराम कभी भी दुश्मन के लिए नफरत नहीं बरतते थे उनके मन में दुश्मन के लिए क्रोध भी एक सीमा तक ही होता था.

-सबसे प्रेम करो, सबका सम्मान करो, सबके दुखों में, पीड़ाओं में साथ दो, यही धर्म का संदेश है और यही श्री राम का भी सन्देश हैं.

-हमारे जीवन में कई परीक्षाए होती हैं वैसे ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की परीक्षा भी हुई थी जब उनके गुरु, उनके पिता यहां तक कि उनकी माता ने भी धर्म मर्यादा भंग करने का उनसे अनुरोध किया परंतु मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने मर्यादा कभी भंग नहीं की. वह सदैव ही धर्म की रक्षा करते रहे.

-उन्होंने अपनी माता कैकई के 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए पिता के दिए वचन को निभाया.

-मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया.

-श्री राम माता-पिता और गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए वह ‘क्यों’ शब्द कभी मुख पर नहीं लाए.

-श्री राम एक आदर्श पुत्र, शिष्य, भाई, पति, पिता और राजा बने, जिनके राज्य में प्रजा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण थी.

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