हनुमानजी को क्यों चढ़ाते है सिन्दूर
हनुमानजी को क्यों चढ़ाते है सिन्दूर
Share:

अक्सर ही देखा जाता है कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है और कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद भी हनुमानजी पर सिंदूर चढ़ाते हैं. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र और क्यों प्रिय हैं हनुमान जी को सिंदूर-

श्री हनुमान जी ने जगजननी श्री सीता जी के मांग में सिंदूर लगा देखकर आश्चर्यपूर्वक पूछा- माता! आपने यह लाल द्रव्य मस्तक पर क्यों लगाया है? सीता जी ने ब्रह्मचारी हनुमानजी की इस सीधी साधी बात  पर प्रसन्न होकर कहा, पुत्र! इसके लगाने से मेरे स्वामी की दीर्घायु होती है और वह मुझ पर प्रसन्न रहते हैं. श्री हनुमान ने यह सुना तो बहुत प्रसन्न हुए और विचार किया कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से आयुष्य वृद्धि होती है तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे पोतकर अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं.

हनुमान चालीसा में भी वर्णित है- राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा.
इस बात से सिद्ध होता है कि हनुमान जी जीवनदायिनी बूटी के समान हैं, जिनकी उपासना से शारीरिक रूप से निर्बल भक्त में भी ऊर्जा का संचार होता है और वह स्वस्थ रहता है.

श्री हनुमान की प्रतिमा पर सिंदूर का चोला चढ़ाने जा रहे हैं तो पहले उनकी प्रतिमा को जल से स्नान कराएं. इसके बाद सभी पूजा सामग्री अर्पण करें. इसके बाद मन्त्र का उच्चारण करते हुए चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर या सीधे प्रतिमा पर हल्का सा देसी घी लगाकर उस पर सिंदूर का चोला चढ़ा दें.

सिंदूर चढ़ाते वक्त करें इस मंत्र का जप. 

सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये.

भक्तयां दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम. 

पूजा घर में किस चीज को कहा रखे

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -