आखिर ब्राह्मण ही क्यों बने शंकराचार्य
आखिर ब्राह्मण ही क्यों बने शंकराचार्य
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पटना. राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अभी अभी घोषणा की कि उनके जाने के बाद पार्टी की बागडोर उनके बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप यादव के हाथो सौप दी जाए. अब लालू प्रसाद ने एक नई बात कही है. उन्होंने ट्वीट किया कि चारो पीठो के शंकराचार्यो की नियुक्ति में भी आरक्षण होना चाहिए, इतने युगो से वह सिर्फ एक वर्ण और एक ही जात का आरक्षण क्यों है. सोचिए?

जैसे ही उन्होंने ट्वीट किया, उसके आधे घंटे के अंदर 82 लोगो ने इसे रीट्वीट कर दिया और 197 लोगो ने लाइक किया. इस पोस्ट पर ट्विटर यूजर्स ने अलग अलग प्रतिक्रियाएँ भी दी. उमेश यादव ने इस पर जवाब दिया कि आपने सही कहा सर. हिन्दू धर्म के ओबीसी, एससी और एसटी के लोगो को भी आरक्षण मिलना चाहिए. एक ही जाति को इतने समय से आरक्षण का लाभ मिल रहा है.

धीरज नाम के एक यूज़र ने लिखा कि बात तो सही है. आखिर ब्राह्मण ही क्यों बने शंकराचार्य? दर्पण ने इस ट्वीट पर कमेंट किया कि राजद पार्टी में भी आरक्षण होना चाहिए, हर बार राबड़ी, लालू, तेजस्वी और तेज ही क्यों? अब तो बक्श दो या जाति के नाम पर देश को खोखला करके ही दम लेना है. इस ट्वीट पर रामेश्वर ने कहा कि योग्य व्यक्ति कभी आरक्षण की मांग नहीं करते. वे प्रतियोगिता में भाग लेने में विश्वास रखते है.

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