दिल्ली में क्यों नहीं थम रहे Acid Attack के मामले? बिक्री पर बैन के बावजूद 3 साल में 32 केस
दिल्ली में क्यों नहीं थम रहे Acid Attack के मामले? बिक्री पर बैन के बावजूद 3 साल में 32 केस
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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में बुधवार (14 दिसंबर) सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकली 17 साल की लड़की पर बाइक सवार दो नकाबपोश लोगों ने तेजाब फेंक (Acid Attack) दिया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। लड़की का सफदरजंग अस्पताल में उपचार चल रहा है। दिल्ली में इस प्रकार की यह पहली घटना नहीं है। केंद्र सरकार ने बताया कि तीन वर्षों में दिल्ली में तेजाब हमले के 32 मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार ने बताया कि इस प्रकार के हमलों में महामारी के दौरान गिरावट देखी गई थी, मार्ग महामारी के बाद इसमें फिर से वृद्धि हुई है।

उच्च सदन में दिए गए डेटा से पता चलता है कि वर्ष 2018 से 2021 के बीच दिल्ली में तेजाब हमले के 32 केस दर्ज किए गए। यह आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के हवाले से दिए गए हैं। 2018 में एसिड अटैक के 11 केस दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 में ऐसे 10 मामले सामने आए, मगर 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ऐसे मामले गिरकर 2 पर आ गए थे। हालांकि दिए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में एसिड अटैक के केस बढ़कर 9 हो गए।

तेजाब हमले को लेकर लोगों में आक्रोश है और लोग प्रतिबंध के बाद भी बाजार में तेजाब की मौजूदगी को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। शीर्ष अदालत ने 2015 में अपने एक आदेश में राज्य सरकारों को एसिड की रिटेल बिक्री पर बैन लगाने का आदेश दिया था। अदालत ने केंद्र सरकार को भी कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि खुले बाजार में तेजाब की बिक्री न हो। दिल्ली में भी बगैर लाइसेंस एसिड की बिक्री नहीं की जा सकती। यही नहीं इसके खरीदार को भी अपनी पहचान देनी होती है।

इसी की जांच के लिए 2016 में दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने अपनी एक टीम ग्राउंड में भेजी और यह पता लगाने का प्रयास किया, कि एसिड खरीदने के लिए बनाए गए यह नियम प्रभावी भी हैं या नहीं। महिला आयोग ने पाया था कि 23 ऐसी दुकानें थीं, जहां बिना ID कार्ड और कोई पहचान लिए बगैर ही एसिड की बिक्री की जा रही थी। बाद में महिला आयोग ने दिल्ली सरकार से इस पर एक्शन लेने का आग्रह किया था। इसकी जांच की जिम्मेदारी SDM की होती है और वो नियम तोड़ने वालों पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगा सकते हैं।

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