कौन हैं चंपत राय? जिन्होंने राम मंदिर के लिए खपा दिया जीवन
कौन हैं चंपत राय? जिन्होंने राम मंदिर के लिए खपा दिया जीवन
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लखनऊ: पिछले 3 सालों से अयोध्या में बन रहे राम मंदिर निर्माण का मुख्य चेहरा चंपत राय बन गए हैं। मंदिर निर्माण से जुड़ी हर आधिकारिक खबर चंपत राय के माध्यम से ही साझा होती है। चंपत राय लंबे वक़्त तक विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे तथा वर्ष 2020 में उन्हें श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का महासचिव बनाया गया था। राम मंदिर मामले की सुनवाई के चलते मुख्य पैरोकार एवं पक्षकार रहे चंपत राय के लिए यह जिम्मेदारी बेहद अहम थी। इसलिए भी क्योंकि इस आंदोलन को लेकर वह बहुत लंबे वक़्त तक सक्रिय रहे थे। 

वही अब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम के चलते भी चंपत राय ही मुख्य चेहरे के रूप में सामने आ रहे हैं। इस कार्यक्रम में कौन आ रहा है, कौन नहीं आ रहा है, कार्यक्रम कब तक चलेगा, अतिथि कहां रुकेंगे, आम लोगों को दर्शन कब से मिलेगा... इस सब सवालों के जवाब चंपत राय देते दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं मंदिर निर्माण से जुड़ी फेक जानकारियों का खंडन करते भी चंपत राय नजर आते हैं। हाल ही में रामलला की प्रतिमा निर्माण से जुड़ा उनका एक ऐसा ही वीडियो सामने आया था। 

कौन है चंपत राय?
चंपत राय उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म वर्ष 1946 में रामेश्वर प्रसाद बंसल के परिवार में हुआ। राय बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयम् सेवक संघ से प्रभावित होकर उससे जुड़ गए थे। संघ के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए चंपत राय ने बहुत काम किया तथा वो संगठन के प्रचारक रहे। राय ने रसायन विज्ञान यानी केमिस्ट्री सब्जेक्ट की पढ़ाई की। तथा बिजनौर जिले के धामपुर में स्थित आश्रम डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर भी काम किया। वही एक मीडिया रिपोर्ट में चंपत राय के परिवारवालों के हवाले से कहा गया कि वो (चंपत राय) इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के चलते रामजन्मभूमि आंदोलन के संबंध में गिरफ्तार हुए थे। तत्पश्चात, लगभग 18 महीने तक चंपत राय उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद करे। जब जेल से बाहर आए तो चंपत राय लौटकर घर नहीं गए बल्कि विश्व हिंदू परिषद का हिस्सा हो गए। इस समय राय विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 

वर्ष 2019 में राम मंदिर केस में आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में चंपत राय को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसी के बाद से वो अपनी भूमिका बेहद गंभीरता के साथ निभाते नजर आते हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आमंत्रण पत्र लेकर भी चंपत राय ही पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे। पीएम ने इस आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। हाल में रामलला की प्रतिमा निर्माण से जुड़े एक भ्रम पर भी चंपत राय ने स्पष्ट खबर दी थी। मीडिया से चर्चा में चंपत राय ने कहा-रामलला की नई प्रतिमा अयोध्या में बन रही है। इतना पर्याप्त है। तीन लोग बना रहे हैं। कौन लोग बना रहे हैं, ये मैं कई बार कर चुका हूं। प्रतिमा वही बनाएगा जिसे उसकी तकनीकी जानकारी होगी। मगर कुछ लोगों को इसी में आनंद आता है कि समाज में नई-नई भ्रांतियां पैदा की जाएं। बता दे कई चंपत राय अविवाहित हैं तथा अपने घर न के बराबर ही आते-जाते हैं। चंपत राय सर्वोच्च न्यायालय में चली राम मंदिर के मुकदमे की सुनवाई में मुख्य पैरोकार एवं पक्षकार रहे हैं। राम जन्मभूमि के पक्ष में महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाने और सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने में उनकी बड़ी भूमिका रही है। 

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