तुलसी से रूद्राक्ष तक जानिये मंत्र जाप के लिए कौन सी माला है ज्यादा बेहतर
तुलसी से रूद्राक्ष तक जानिये मंत्र जाप के लिए कौन सी माला है ज्यादा बेहतर
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ईश्वर की आराधना में मंत्रों के जाप का विशेष महत्व है. इसके अलावा देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों के जाप का विधान है. परन्तु मंत्रों के जाप के लिए लोग अक्सर एक ही माला का प्रयोग करते हैं. यदि बात की जाए ज्योतिष के जानकारों की मानें तो हर देवी-देवता की आराधना के लिए एक विशेष माला तय है, वही जिसके प्रयोग से देवता जल्दी प्रसन्न होते हैं. सही माला से मंत्रों का जाप करने से मंत्र सिद्ध होते हैं. आइए आपको बताते हैं कौन से देव मंत्र का जाप कौन सी माला से करना सही होता है और ईश्वर की उपसना का महत्व क्या है.

उपासना में माला का महत्व

- प्रार्थना करने के कई तरीके हैं, शब्द, कीर्तन या मंत्र से प्रार्थना
- इनमें मंत्र सबसे ज्यादा प्रभावशाली माने जाते हैं
- मन को तुरंत एकाग्र करते हैं मंत्र, इनका प्रभाव भी जल्दी होता है
- हर मंत्र में अलग प्रभाव और अलग शक्ति होती है
- मंत्र जाप के लिए अलग-अलग मालाओं का इस्तेमाल होता है
- ऐसा करने से अलग-अलग मन्त्रों की शक्ति का पूरा लाभ मिलता है
- मंत्र जाप में संख्या का विशेष महत्व है
-सही संख्या में मंत्रों का जाप करने के लिए भी माला का प्रयोग होता है
- माला में लगे हुए दानों को मनका कहते हैं
- आमतौर पर माला में 108 मनके होते हैं
-कभी-कभी माला में 27 या 74 मनके भी होते हैं

माला के प्रयोग की सावधानियां
- माला के मनकों की संख्या कम से कम 27 या  108 होनी चाहिए.

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