दिसंबर का महीना शुरू हो गया है. यानी क्रिसमस डे आने वाला है. इन दिनों सभी इसकी तैयारी में लगे होंगे. क्रिसमस की सजावट कुछ रंगों के बिना तो एक दम ही अधूरी है. जिसमें लाल, हरा और गोल्ड रंग प्रमुख है. लेकिन क्या आपको मालूम हैं कि क्रिसमस में सबसे ज्यादा इन तीन रंगों का सबसे ज्यादा क्यों किया जाता है. इन रंगों के बारे में जीसस क्राइस्ट ने हमें तीन शिक्षाएं दी हैं.
आइए आगे जानते हैं कि तीन रंगों के बारे में जीसस ने कौन सी शिक्षा दी है.
1-लाल रंग यीशु के खून का प्रतीक है. इसके अलावा उनका दूसरों के प्रति बेपनाह प्यार भी लाल रंग को दर्शाता है. वे हर किसी को अपना बेटा मानते थें और बिना शर्त के उन्हें प्यार करते थे. लाल रंग मानवता का पाठ भी पढ़ता है. यह खुशी भी प्रदान करता है क्योंकि जिस जगह पर ढेर सारा प्यार होगा वहां पर खुशी अपने आप ही आ जाएगी.
2-हरा रंग, प्रकृतिक को संबोधित करता है, जो कि इतनी सर्दी में भी अपने रंग को बरकरार रखने में कामियाब रहते हैं. ईसाई धर्म में माना जाता है कि हरा रंग प्रभू यीशु के शाश्वत जीवन का प्रतीक है. यीशु को भले ही जबरदस्ती मार दिया गया हो लेकिन वह आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं और हमेशा रहेंगे भी. इसलिये हरे रंग का मतलब होता है जिंदगी.
3-सुनहरे रंग का अर्थ किसी को भेंट देना. यीशु के जन्म पर जो तीसरे राजा आए थें, उन्होंने भेंट में सोना दिया था. भगवान ने गरीब मरियम को अपने बेटे को जन्म देने के लिये चुना. मरियम और यूसुफ ने यीशु को बचाने के लिये सभी बाधाओं का सामना किया. यह बताता है कि हर कोई भगवान के सामने बराबर है. यह एक उपहार था, जिसे भगवान ने मानव जाति को दिया था.