दिल्ली : नौकरी पाने के लिए की जाने वाली धांधली से राष्ट्रपति भवन भी नहीं बच सका. साथ ही घटना ने राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया है. राष्ट्रपति सचिवालय को यहां एक साल से ज्यादा समय से काम कर रहे छह ऐसे लोगों की जानकारी मिली है जिन्होंने फर्जी डिग्री दिखाकर नौकरी हासिल की थी. अंडर सेक्रेटरी रुबीना चौहान ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज की है. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है. दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर और पीआरओ मधुर वर्मा ने बताया, “हम आरोपों की जांच कर रहे हैं. इस मामले में आगे की जांच भी शुरू हो गई है." राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों के मुताबिक छहों आरोपियों ने पिछले साल फरवरी में गार्डनर के तौर पर राष्ट्रपति भवन में काम शुरू किया था.
इनका फर्जीवाड़ा सोमवार को सामने आया और मंगलवार को मामला दर्ज किया गया. इस मामले ने राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा और यहां होने वाली नियुक्तियों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. छहों आरोपियों की पहचान अमित कुमार, दीपक कुशवाहा, दिलिप कुमार मीणा, पुष्पेंद्र कुमार मीणा, जितेंद्र मीणा और सुरेंद्र कुमार मीणा के रूप में हुई है. ये सभी राजस्थान के रहने वाले हैं.
पुलिस ने साउथ एवेन्यू पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. रुबीना चौहान ने बताया, "हमने जनवरी 2017 में ग्रेड 3 कर्मचारियों की भर्ती के लिए सर्कुलर जारी किया था. भर्ती ऑनलाइन प्रक्रिया से हुई. फर्जी डिग्री की जानकारी मिलते ही हमने उन्हें नौकरी से निकाल दिया है." ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि राष्ट्रपति भवन में नियुक्ति में इतनी बड़ी चुक या संभावित फर्जीवाड़ा हो सकता है और सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध लगाई जा सकती है तो देश के बाकि हिस्से तो भगवान भरोसे ही होंगे.
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