एक बार फिर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने निशान साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था में नीतिगत खामियां हैं और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में मेरे और राज्य के उच्च शिक्षा विभाग के बीच संवाद शून्यता की स्थिति है.
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अपने बयान में राज्यपाल ने कहा कि हाल ही में कोलकाता स्थित संस्कृत कालेज के कुलपति की नियुक्ति में उनसे परामर्श नहीं किया गया, जिसका उन्हें दुख है. इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘उच्च शिक्षा मंत्रालय में कुलाधिपति के साथ संवाद शून्यता की स्थिति है.यह एक नीतिगत खामी है और मैं इसे लेकर चिंतित हूं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मैं विश्वविद्यालयों में शिक्षा के बेहतर हालात पैदा करने के लिए प्रयास कर रहा हूं.’ सरकार के साथ संवाद शून्यता और अन्य चीजों के लिए क्या शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी जिम्मेदार हैं? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि यह मुद्दा व्यक्तिगत जवाबदेही के बारे में नहीं है. यह राज्य की मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से जुड़ा है।धनखड़ के इन आरोपों के बाद एक बार फिर ममता सरकार और राज्यपाल के आमने-सामने की संभावना बढ़ गई है. जुलाई में राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से धनकड़ और ममता सरकार कई मुद्दों पर आपस में भिड़ चुके हैं.
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