भारतीय सेना अपने शौर्य के लिए मशूहर है और किसी भी स्थिति का सामना करने का पूरा हुनर और जज्बा रखती है। जी हाँ और विषम परिस्थितियों में भी कोई सेना का रास्ता नहीं रोक सकता। हाल ही में इस बात का उदाहरण देखने को मिला जो बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने दिया है। जी दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिमाचल दौरे पर हैं और उनके सामने सेना के जांबाजों ने ये कारनामा किया है। जी दरअसल यहां बीएसएफ ने एक वीडियो जारी करके ये दिखाया है कि किस तरह रास्ता बंद होने पर सेना ने पूरी Maruti Gypsy को महज दो मिनट के भीतर पूरी तरह डिस्मेंटल करके दोबारा असेंबल किया है।
Chetak Drill
Watch Seema Praharis dismantle & reassemble a light motor vehicle in a demonstration of obstacle crossing during disaster response & operational scenario।
सीमा सुरक्षा बल - सर्वदा सतर्क #BSF #NationFirst #FirstLineofDefence pic।twitter।com/AxhMzhrgVM
— BSF (@BSF_India) April 7, 2022
आप देख सकते हैं बीएसएफ द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में सामने आया है कि राह में बाधा आने पर कैसे जवानों ने मारुति जिप्सी का पुर्जा-पुर्जा अलग किया, फिर इन सभी पुर्जों को बैरियर के पार ले गए और सिर्फ 1 मिनट 57 सेकेंड में ही पूरी जिप्सी असेंबल कर दी। जी हाँ, आप सभी को बता दें कि लंबे समय तक साथ निभाने के बाद अब भारतीय सेना मारुति जिप्सी का विकप्ल तलाश रही है जो इतना ही दमदार और मजबूत हो। वहीं मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) ने लंबे समय पहले इस SUV का उत्पादन भारत में बंद कर दिया है लेकिन भारतीय सेना के लिए कंपनी अबतक इस कार का उत्पादन करती आ रही है।
आप सभी को हम यह भी बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के समय मारुति सुजुकी ने 700 जिप्सी सेना को पहुंचाई थीं। जी हाँ, वहीं दूसरी तरफ डिफेंस के सोर्स से जानकारी मिली है कि इस SUV के बदले में नई सॉफ्ट-टॉप 4X4 वाहन के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल आने वाले समय में भेजा जा सकता है। आपको बता दें कि भारतीय सेना में फिलहाल 35,000 जिप्सी सर्विस दे रही हैं जिन्हें कई चरणों में हटाया जाएगा। जी हाँ और डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने हाल में 4X4 हल्के वाहनों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वहीं सेना शुरुआती चरण में करीब 5,000 नए वाहन खरीदने वाली है और बाकी वाहन जरूरत के हिसाब से कई पड़ावों में खरीदे जाएंगे।
इसी के साथ सेना की रिक्वायरमेंट के हिसाब से नए वाहन 500 से 800 किग्रा कर्ब वेट वाले होने चाहिए। आप सभी को यह भी बता दें कि भारतीय सेना की जरूरतों पर खरा उतरने के लिए कई कंपनियों पर विचार किया जा रहा है। सेना इससे पहले टाटा, फोर्स मोटर्स और महिंद्रा की गाड़ियां खरीद चुकी है, वहीं अब आगे खरीदे जाने वाले वाहनों में इन कंपनियों को प्राथमिकता दी जा सकती है।
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