झारखंड में छिड़ी खतियान पर जंग, हेमंत सोरेन बोले- 'विपक्ष को सांप सूंघ गया...'
झारखंड में छिड़ी खतियान पर जंग, हेमंत सोरेन बोले- 'विपक्ष को सांप सूंघ गया...'
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रांची: शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति को सरकार की बड़ी कामयाबी बताते हुए कहा कि इससे विपक्ष को सांप सूंघ गया है, वहीं पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है। दूसरी तरफ दुमका में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने हेमंत पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सीएम को पता है कि कुर्सी जा रही है, इसलिए वे खतियान पर सियासत कर रहे हैं। इधर, झामुमो नेता विनोद पांडेय ने रघुवर दास को आदिवासी एवं पिछड़ा विरोधी करार दिया।

शुक्रवार को सीएम हेमंत सोरेन ने विरोधियों पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि 1932 खतियान पर विरोधियों को सांप सूंघ गया है। सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देने में विपक्ष को 30 घंटे से अधिक लग गए। उन्होंने कहा NRC की बात कह लोगों को बरगलाया जा रहा है। सीएम विधानसभा एवं अपने आवास पर आभार समारोहों में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि बीजेपी ने राज्य गठन के बाद 20 वर्षों में अधिकतर समय शासन किया। डबल इंजन की सरकार का दंभ भरने वाले गुजरात को चांद पर ले गए तथा झारखंड को गड्ढे में डुबा दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी शासन कर लोगों को एक-दूसरे का खून पीने को उकसाती है। वहीं दूसरी तरफ उनके फैसलों का रंग-गुलाल, ढोल-नगाड़े बजाकर स्वागत किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनते ही कोरोना ने सबकुछ ठप कर दिया। किन्तु, अब वह प्रत्येक वर्ग के हित में फैसले ले रहे हैं। सीएम ने कहा कि केंद्र पर झारखंड का 1.36 लाख करोड़ से ज्यादा बकाया है। केंद्र यह बकाया एकमुश्त चुका दे तो झारखंड को विकास के मामले में इतना आगे ले जाएंगे कि वहां तक गुजरात कभी नहीं पहुंच सकेगा। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि महागठबंधन सरकार 1932 के खतियान पर लोगों को बरगला रही है। शुक्रवार को रघुवर दास बीजेपी के प्रदेश दफ्तर में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। पूर्व सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता परिभाषित करने संबंधी फैसला लिया है तथा इनको पता है कि इसे लागू करना कोर्ट की अवमानना होगी। इसलिए मुख्यमंत्री द्वारा इस नीति को लागू नहीं किया जाएगा। स्वयं सीएम 23 मार्च 2022 को इसकी वैधानिकता के बारे में विधानसभा में ऐलान कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 1932 वाली स्थानीयता नीति को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल होने के उपरांत लागू किया जाएगा, जो संभव नहीं हो पाएगा। रघुवर ने बीजेपी की पहली सरकार तथा अपने कार्यकाल में लायी गई स्थानीय नीति का भी जिक्र किया।

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