Feb 16 2016 08:02 PM
नई दिल्ली: जेएनयू में चल रहे विवाद से संबंधित जिस वीडियो पर बहस छिड़ी है, उसे जेएनयू के रजिस्टार भूपिंदर जुत्शी ने सही बताया है। उन्होने कहा कि वीडियो कि प्रमाणिकता पर सवाल उठाना गलत है, क्योंकि इसकी रिकॉर्डिंग जेएनयू प्रशासन द्वारा कराई गई थी।
जुत्शी ने बताया कि जब हमें पता चला कि परमिशन न मिलने के बाद भी अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, तभी प्रशासन ने रिकॉर्डिंग के आदेश दे दिए। साथ ही हमने इस घटना की एक रिपोर्ट भी तैयार की है। रिपोर्ट और वीडियो दोनों पुलिस को सौंपा जा चुका है।
जुत्शी ने बताया कि जेएनयू प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति तब रद्द कर दी थी। जब पता चला कि आपत्तिजनक पर्चे बांटे जा रहे हैं। इसके बाद हमने अपनी टीम वहां भेजी थी। पुलिस को कैंपस में आने देना हमारी मजबूरी थी, क्योंकि पुलिस ने हमें जो चिठ्ठी भेजी थी, उसमें साफ लिखा था कि यह देशद्रोह है।
हमने अपनी जांच पर 8 छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की है। हमने जो कमेटी बनाई है, वो भी अपना काम कर रही है। उन्होने यह भी कहा कि पुलिस ने जिन लोगों को नामजद किया है और जिसे ढुंढ रही है, उनमें से ज्यादातर नाम कॉमन है।
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