बेंगलुरु: फिल्म ‘विक्की डोनर’ आने के बाद बाजार में स्पर्म और एग डोनर की चर्चा और मांग काफी तेजी से बढ़ने लगी. आलम ये है कि हर शहर में बकायदा ऑनलाइन प्रचार के जरिए इस धंधे में लोगों को उतारा जा रहा है. और कई बड़े शहरों में काफी संख्या में स्पर्म और एग डोनर मौजूद हैं जिसकी डिमांड शादीशुदा कपल करते हैं. आज के दिनों में एक डिमांड काफी चर्चा में आई है. बेंगलुरु में महिलाओं रोग विशेषज्ञ क्लीनिक चलाने वाली डॉक्टर कामिनी ने बताया कि आजकल कपल स्पर्म और एग डोनर को सिलेक्ट करने के लिए भी कई चीजों का ध्यान रख रहे हैं.
उनके क्लीनिक में आए कपल ने कहा कि उन्हें एक एग डोनर ऐसी महिला चाहिए जो लंबी, स्मार्ट हो, उसके बाद एक और कपल आया जिन्होंने पिछली क्वालिटी के साथ ये भी कहा कि डोनर ब्राह्मण या जैन समाज से हो. डॉक्टर ने बताया कि कपल्स इसके पीछे कई अजीबोंगरीब तर्क देते हैं.
उनका कहना होता है कि अगर डोनर में ऐसी खासियत होगी तो उनका होने वाला बच्चा अच्छे संस्कारों वाला और सुंदर होगा. ड़ॉक्टर का कहना था कि स्पर्म डोनर के मामले में नौकरी का अहम रोल देखा गया. ज्यादातर कपल्स का कहना था कि उन्हें नौकरीपेशा स्पर्म डोनर चाहिए.
क्या कहता है नियम?
स्पर्म डोनर की उम्र 21 से 35 साल के बीच होनी चाहिए.
स्पर्म-एग डोनर को किसी तरह की बीमारी जैसे- एड्स, हेपेटाइटिस-बी, डायबिटीज, जैनेटिक डिसऑर्डर नहीं होनी चाहिए.
डोनर के ब्ल्ड ग्रुप और Rhस्टेटस का एक रिकॉर्ड होना चाहिए डोनर की जानकारियां जैसे- उम्र, वजन, लंबाई, पेशा, स्कीन-आंखों का कलर और पारिवारिक बैकग्राउंड नियम के अनुसार जिस डोनर में ये सारी क्वालिटीज होती हैं, वो स्पर्म आराम से डोनेट कर सकते हैं.
किस चीज की हो रही है डिमांड?
आज कपल्स को उम्र से मतलब नहीं है वो चाहते हैं कि उनका डोनर लंबा, हैंडसम और वेजिटेरियन हो.
डोनर का पढ़ा लिखा होना भी उतना ही जरूरी है,
कपल्स का तर्क है कि इससे उनका होने वाला बच्चा भी पढ़ने लिखने वाला होगा आज कपल्स पारिवारिक बैक ग्राउंड से ज्यादा उनके कास्ट में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
उनकी मानें तो ब्राह्मण या जैन धर्म से ताल्लुख रखने वाले डोनर से उनके बच्चे पर ज्यादा फर्क पड़ेगा. जो डोनर आज ऊंचे ओहदे पर या अच्छी कंपनी में जॉब करते हैं उनकी डिमांड भी कपल्स के बीच काफी ज्यादा है.