इत्र के कारोबार में 'हवाला' का अकूत पैसा, इस तरह पैसे को ठिकाने लगाता था पियूष जैन

इत्र के कारोबार में 'हवाला' का अकूत पैसा, इस तरह पैसे को ठिकाने लगाता था पियूष जैन
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कन्नौज: इत्र कारोबार का हवाला से गहरा कनेक्शन सामने आया है। उत्तर प्रदेश के इत्र कारोबार के गढ़ माने जाने वाले कन्नौज और कानपुर में इसकी गहरी जड़ें मिली हैं। इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से बरामद नोटों के ढेर, ट्रकों से कैश के परिवहन ने इस नेटवर्क का खुलासा हुआ है। कन्नौज के इत्र कारोबारियों का कानपुर से सीधा कनेक्शन है। वहां के 90 फीसदी इत्र कारोबारियों के कार्यालय कानपुर में मौजूद हैं। थोक कारोबार का केंद्र भी कानपुर है। यही नहीं, आधे इत्र कारोबारी तो कानपुर में ही रहते हैं।

कन्नौज की गलियों में बनने वाले इत्र को सऊदी अरब, दुबई, कतर, ईरान, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस तक में भेजा जाता है। देश में ही लगभग 1000 करोड़ का इत्र सप्लाई होता है। इसके साथ ही इत्र कारोबारी कंपाउंड भी बनाते हैं, जिसका उपयोग पान मसाला, साबुन, डियो आदि में बड़े स्तर पर होता है। पान मसाले से कन्नौज के 20 बड़े इत्र व्यापारी सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। चूंकि मसाले में बड़े पैमाने पर कर अपवंचना होती है, इसलिए इससे संबंधित कच्चे माल का लेन-देन नगदी में ही होता है।

अकेले पान मसाला इंडस्ट्री में इत्र कारोबारी प्रति माह 2100 करोड़ के माल की आपूर्ति कर रहे हैं। यह पैसा हवाला के माध्यम से इधर-उधर किया जाता है। इस काम में ट्रांसपोर्टरों की बड़ी भूमिका है। ये ट्रांसपोर्टर किराना, कपड़ा और मेवा की आड़ में नगदी को भी ठिकाने लगाते हैं। गणपति रोड कैरियर्स में DGGI छापों के दौरान इसका पर्दाफाश हो चुका है। अब बताया जा रहा है कि, कानपुर और कन्नौज की कई बड़ी मछलियां भी DGGI के जाल में फंस सकती हैं। 

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