प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी :रेडियोएक्टिविटी : अर्थ, खोज, प्रकार और उपयोग
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी :रेडियोएक्टिविटी : अर्थ, खोज, प्रकार और उपयोग
Share:

प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले पदार्थों, तत्वों और उनके घटकों का कुछ निश्चित अदृश्य किरणों के द्वारा स्वयं विघटित होने की घटना को ‘रेडियोएक्टिविटी’ कहा जाता है. रेडियोएक्टिव पदार्थ से निकलने वाली अदृश्य किरणों को ‘रेडियोएक्टिव किरणें’ कहा जाता है .ये किरणें परमाणु के अस्थिर होने के कारण उत्पन्न होती हैं .रेडियोएक्टिविटी की घटना की सर्वप्रथम खोज ए. एच. बैकुरल ने 1886 ई. में की थी.

रेडियोएक्टिव विकिरण  
(a) अल्फा कण  
ये धनात्मक आवेश युक्त हीलियन आयन हैं
भेदन क्षमता (penetrating power) बेहद कम होती है
कागज की एक परत द्वारा अवशोषित किए जा सकते हैं या एल्युमीनियम की चादर द्वारा रोका जा सकता है
(b) बीटा कण
ये ऋणात्मक आवेश युक्त प्रकाश कण हैं
भेदन क्षमता अल्फा कानों से अधिक होती है
(c) गामा किरणें
ये निम्न तरंगदैर्ध्य (Wavelength), उच्च आवृत्ति (Frequency) और उच्च ऊर्जा युक्त विद्युतचुम्बकीय (Electromagnetic) विकिरण है
इनकी भेदन क्षमता बहुत अधिक होती है और ये सीसे (lead) की कई सेमी. मोटी परत को भी पार कर सकती हैं,

रेडियोएक्टिव समस्थानिक  
वे समस्थानिक जो अपने नाभिक में अतिरिक्त न्यूट्रानों की उपस्थिति के कारण अस्थायी होते हैं और विभिन्न प्रकार के विकिरण को उत्सर्जित करते हैं, रेडियोएक्टिव समस्थानिक कहलाते हैं, जैसे- कार्बन-14, सोडियम-74,आयोडीन-131,कोबाल्ट-60 और यूरेनियम-235,

एक्स किरणें
एक्स किरणें प्रकाश के समान भेदन क्षमता युक्त विद्युतचुम्बकीय विकिरण का एक रूप हैं
इनकी तरंगदैर्ध्य निम्न होती है
ठोस पदार्थों को भी भेदने में सक्षम हैं
जब एंटी-कैथोड (उच्च परमाणु भार वाली धातु जैसे- टंगस्टन) पर कैथोड किरणें गिरती है तब एक्स किरणों की उत्पत्ति होती है, 

एक्स किरणों का उपयोग
धातु व हड्डी जैसे सघन पदार्थ लकड़ी या माँस जैसे पदार्थों की तुलना में अधिक तीव्रता से एक्स किरणों का अवशोषण करते हैं इसीलिए चिकित्सा के क्षेत्र में रोग की पहचान हेतु एक्स-रे तस्वीर तैयार करना संभव है .

नाभिकीय अभिक्रिया
नाभिकीय अभिक्रिया वह क्रिया है जिसमें बहुत ही थोड़े समय में किसी अन्य उत्पाद को प्राप्त करने के लिए नाभिक पर न्यूट्रानों व प्रोटानों आदि मूल कणों की बौछार की जाती है या फिर उसकी किसी और नाभिक से अभिक्रिया कराई जाती है. प्रथम बार नाभिकीय अभिक्रिया की खोज रदरफोर्ड ने 1919 में की थी .उन्होने नाइट्रोजन पर अल्फा कणों की बौछार के दौरान इसकी खोज की थी.

नाभिकीय विखंडन
नाभिकीय विखंडन (Nuclear fission) एक बड़े नाभिक को दो छोटे नाभिकों में तोड़ने की क्रिया है, जिसके दौरान अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है. 1939 ई. में जर्मन वैज्ञानिक ओटो हान (Otto Hahan) और एफ. स्टीर्समन (F. Steersman) ने पाया कि जब वे यूरेनियम के नाभिक पर मंद न्यूट्रानों की बौछार करते हैं तो वह दो छोटे नाभिकों में टूट जाता है और बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन होता है .यूरेनियम के नाभिक का टूटना ‘नाभिकीय विखंडन’ कहलाता है .

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -