ज्योतिष शास्त्र और धातुओं का उपयोग
ज्योतिष शास्त्र और धातुओं का उपयोग
Share:

ज्योतिष शास्त्र में न केवल उपायों के माध्यम से विभिन्न समस्याओं का समाधान होता है तो वहीं धातुओं के बर्तनों का भी ज्योतिष में उल्लेख मिलता है। धातुओं के बर्तन में खान-पान का विशेष महत्व प्रतिपादित किया गया है तो वहीं इन्हें लोगों के स्वास्थ्य के साथ भी जोड़ा गया है।

कांसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है।

चांदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है। इसके पात्र में भोजन बनाने और करने के कई फायदे होते हैं, जैसे दिमाग तेज होता है, आंखों स्वस्थ रहती है, आंखों की रोशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है। घरों में पीतल के बर्तन का भी उपयोग होता है। यह सामान्य कीमत की धातु है। इसमें भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बिमारी नहीं होती।

चमत्कारी है णमोकार महामंत्र

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -