Mar 05 2016 03:50 PM
वॉशिंगटन : खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के खातमे के लिए अमेरिका ने बी-52 वॉर प्लेन भेजने का फैसला किया है। बी-52 अप्रैल में बी-1 को रिप्लेस करेगा। ये वॉरप्लेन सीरिया और इराक में तैनात किए जाएंगे। फिलहाल वहां बी-1 लांसर प्लेन है, उन्हें अपग्रेडेशन के लिए यूएस लाया जाएगा।
बी-52 को 'बिग अगली फैट फेलास' के नाम से भी जाना जाता है। ये वॉरप्लेन 70 हजार टन से ज्यादा पेलोड ले जा सकता है। पहली बार ये वॉरप्लेन 1954 में यूज हुआ था। अफसरों का मानना है कि 2040 तक इसमें कोई गड़बड़ी नहीं आएगी। एयरफोर्स टाइम्स की मानें तो बी-52 ग्रेविटी, क्लस्टर बम के साथ गाइडेड (क्रूज) मिसाइल दागने में काबिल है।
साथ ही ये बड़ी मात्रा में जंगी साज-ओ-सामान ले जा सकता है। इससे पहले बी-52 को इराक और अफगानिस्तान में भेजा जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल माइक होम्स के मुताबिक बी-52 नामुमकिन को मुमकिन करने का दम रखता है। आम तौर पर इसे ट्रेनिंग एक्सरसाइज में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी कीमत करीब 3500 करोड़ रुपए और उड़ने की क्षमता 7650 नॉटिकल मील है।
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