उज्जैन: सिंहस्थ के मद्देनजर सन 2004 में महाकाल मार्ग पर स्थित हरिफाटक चौराहा का निर्माण कार्य हुआ था। एक बार फिर सिंहस्थ के मद्देनजर 2016 में महाकाल मार्ग पर स्थित हरिफाटक चौराहे का विस्तार कर आकर्षक रूप दिया गया है। अब यह चौराहा अत्यन्त उपयोगी एवं मनमोहक बन गया है। 1992 से अधिक ऊंचा हैए 2016 में बना मंगलनाथ ब्रिज वर्ष 2016 से पूर्व उज्जैन में आयोजित हुए सिंहस्थ में भी कई व्यवस्थाएं की गई थी। वर्ष 1992 में कर्क रेखा पर स्थित मंगलनाथ मन्दिर के नजदीक पुल का निर्माण कराया गया था। इस वर्ष 2016 में आवागमन की आवश्यकता को देखते हुए मंगलनाथ के समीप नये ब्रिज का निर्माण कराया गया है। इस बार पहले से अधिक ऊंचा पुल मंगलनाथ मन्दिर के नजदीक बनाया गया है।
प्रकाश व्यवस्था प्रबंधन के लिये 75 लाइनमेन 150 हेल्पर उज्जैन । सिंहस्थ मेला क्षेत्र में प्रकाश व्यवस्था प्रबंधन सुनियोजित ढंग से किया जायेगा। नगर निगम उज्जैन द्वारा इस सम्बन्ध में बनाई गई योजना के तहत पूरे क्षेत्र में 75 लाइनमेन तथा 150 हेल्पर झोन तथा सेक्टर में तैनात किये जायेंगे। विद्युत वितरण कंपनी का हर झोन में अपना एक कार्यालय होगा। मेला कार्यालय इसके लिये स्थान उपलब्ध करायेगा। हर झोन में एक हाइड्रोलिक वाहन होगा। अतिरिक्त कर्मचारी भी रिजर्व रखे जायेंगे। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में साढ़े सात हजार विद्युत खंबे स्थापित किये गये हैं। खंबों पर एलईडी लाइटें नगर निगम द्वारा लगाई गई हैं। लोक निर्माण विभाग ने शिप्रा घाटों पर 300 खंबे स्थापित किये हैं।
हर खंबे पर चार फ्लड लाइट नगर निगम द्वारा लगाई गई है। मेला क्षेत्र में जहां स्थायी सड़कें व स्थायी पोल लगे होकर नगर निगम द्वारा पथ प्रकाश की व्यवस्था की गई है। उनके साथ ही मेला क्षेत्र की लाइटों के लिये नगर निगम कर्मचारी रखेगा। इस सम्बन्ध में नगर निगम द्वारा 81 लाइनमेन तथा 162 कर्मचारी रखे जायेंगे। दो हाइड्रोलिक वाहन पूर्णकालिक रूप से तथा पांच हाइड्रोलिक वाहन रात्रि के दौरान मेला क्षेत्र में कंट्रोल रूम पर तैनात किये जायेंगे। मेला क्षेत्र में नगर निगम ने 16 हाईमास्ट भी घाटों पर स्थापित किये हैं।