जनता का विश्वास ​जीतने के​ लिए 'टीएमसी' ने लिया बड़ा फैसला
जनता का विश्वास ​जीतने के​ लिए 'टीएमसी' ने लिया बड़ा फैसला
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सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जनता का विश्वास जीतने के लिए अब अपनी पार्टी के दागी नेताओं से पिंड छुड़ाने की तैयारी में है. ताकि बंगाल में भाजपा की चुनौतियों पर काबू पाया जा सके. ऐसे नेता जो सिंडिकेट और कट मनी लेने जैसे अवैध कामों में लिप्त व आरोपों में घिरे हैं, उन्हें आगामी नगर निकाय व अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में टिकट से बेदखल करने की योजना है. इसके पीछे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) की रणनीति है.

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इस नई रणनीति के तहत पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आगामी चुनावों में साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवारों को ही टिकट दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसे नेता जिनके चलते पार्टी की छवि धूमिल हो रही है उन्हें किनारे लगाकर समाज में अच्छी छवि रखने वाले पार्टी के जमीनी नेताओं को तरजीह दी जाएगी. दरअसल, भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल हमेशा तृणमूल नेताओं पर सिंडिकेट चलाने व कट मनी (कमीशन) लेने जैसे गंभीर आरोप लगाती रही है. पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह भी अपनी रैली के दौरान यह मुद्दा उठाते रहे हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल को भाजपा से मिली करारी हार के बाद पार्टी ने जनता की नब्ज टटोलने के लिए जुलाई में 'दीदी के बोलो' अभियान शुरू किया था. प्रशांत किशोर की सलाह पर शुरू इस संपर्क अभियान के तहत एक हेल्पलाइन नंबर और एक वेबसाइट शुरू की थी। दीदी के बोलो को पहले महीने में ही जबर्दस्त समर्थन प्राप्त हुआ था और 10 लाख से अधिक लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई थी. अभी भी इस अभियान में रोजाना हजारों की संख्या में राज्यभर से लोग फोन करके विभिन्न प्रकार की शिकायतें दर्ज कराते हैं. इनमें ग्राम पंचायत से लेकर नगर निगमों व पालिकाओं के पार्षद से लेकर विधायकों व अन्य नेताओं के क्रियाकलाप व सरकारी योजनाओं के लाभ दिलाने के एवज में लिए गए कमीशन (कट मनी) व उनके द्वारा चलाए जा रहे सिंडिकेट आदि के बारे में लोग शिकायत करते हैं.

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