देहरादून: दिन व दिन उत्तराखंड में बर्फबारी से जहां पर्यटकों के चेहरे खिले हुए हैं वहीं उनके लिए बर्फबारी ही आफत बनी हुई है. हाल ये है कि औली मार्ग पर 13 दिसंबर से वाहन फंसे हुए हैं, लेकिन लगातार बर्फबारी के कारण प्रशासन की टीम रास्ता खोलने में असमर्थ नजर आ रही है. वहीं कई जगह तो बरातियों और अन्य लोगों ने भूखे प्यासे ही रात गुजारी. हम आपको बता दें कि जोशमठ बाजार में 30 साल बाद दिसंबर में अब बर्फबारी हुई. जिसके बाद वहां करीब पांच इंच तक बर्फ जम गई. ऐसे में वहां जोशीमठ-औली सड़क बंद हो गई. कई वाहन तो आगे निकल गए लेकिन खतरा देखते हुए कई वाहनों को प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया. वहीं पर्यटकों को जोशीमठ में रोका गया.
जानकारी के अनुसार आलम ये रहा कि लगातार बर्फबारी से वाहन पूरी तरह से बर्फ में दब गए हैं. जंहा प्रशासन की टीम बर्फ हटाने की कोशिश में लगी है. लेकिन बर्फ इतनी है कि इसे हटाने में कम से कम एक से दो दिन लग सकते हैं. उधर, धुमाकोट और बीरोंखाल की पहाड़ियों पर हुई भारी बर्फबारी से काशीपुर-बुआखाल हाईवे दो दिन से अवरुद्ध था. वहीं जिससे बैजरों और धुमाकोट के बीच एक बरात की बस सहित सैकड़ों वाहन फंसे रहे. ऐसे में सवारियों ने शुक्रवार की पूरी बर्फीली रात भूखे-प्यासे वाहनों में ही बिताई.
वहीं यह आशंका है कि भारी बर्फ होने के कारण सड़क शनिवार शाम तक भी यातायात के लिए नहीं खुल पाई है. जंहा कुछ लोगों ने पास के गांवों में शरण ली हुई है. थलीसैण में शुक्रवार शाम को देहरादून से एक बरात थलीसैंण ब्लाक के पोखरी गांव लौट रही थी. वहीं भारी बर्फबारी के चलते बरातियों के वाहन घनियाखाल व वेदीखाल के बीच फंस गए.
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