आज के हथियारों से भी ज्यादा ताकतवर थे प्राचीन भारत के हथियार
आज के हथियारों से भी ज्यादा ताकतवर थे प्राचीन भारत के हथियार
Share:

आज जहाँ विश्व में हर जगह सभी देश अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाने में लगे हैं जिसे लोग आधुनिक हथियार कहते हैं किन्तु आप गलत हैं हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार पुराने समय में भी ऐसे हथियार होते थे जिनमे मंत्रो के द्वारा इतनी शक्तिया उत्पन्न की जाती थी कि आज के परमाणु हथियार से भी ज्यादा शक्तिशाली होते थे. प्राचीन काल में युद्ध के दौरान हथियार 2 प्रकार के होते थे. जिन्हें अस्त्र और शस्त्र के नाम से जाना जाता था. इन हथियारों कों चलाने कि एक विधि होती थी.

अस्त्र- इस हथियार का उपयोग साधक एक जगह पर खड़े-खड़े अपनी मंत्रो कि शक्तियों से करता था. इनके जरिए अग्नि, विद्युत, गैस या यांत्रिक उपायों से शत्रु पर वार किया जाता था.


1. ब्रह्मास्त्र – ये वही हथियार हैं जिसके सामने स्वयं महाबली हनुमान जी नें भी समर्पण कर दिया था. ये हथियार इतना भयंकर था कि जिसपर चलाया जाता उसका नामो-निशान भी नही बचता था इसे रोकने का एक ही उपाय था कि दूसरा ब्रह्मास्त्र से इसका टकराव हों. आज के दौर के हथियारों से तुलना की जाए तो ब्रह्मास्त्र की ताकत कई परमाणु बमों से भी कहीं ज्यादा थी.

2. पाशुपत अस्त्र – इस अस्त्र कों शिव जी का अस्त्र माना जाता था. इस हथियार में इतनी शक्ति थी कि इसके एक बार के उपयोग से पूरी दुनिया का विनाश किया जा सकता था. माना जाता है कि कुरुक्षेत्र में युद्ध के दौरान यह अस्त्र केवल अर्जुन के पास ही था।

 3. नारायणास्त्र - इस हथियार कों विष्णु भगवन का अस्त्र माना जाता था. यह पाशुपत की तरह ही भयंकर अस्त्र था। यहां तक कि माना जाता है. इसके एक बार के प्रयोग के बाद इसे रोक पाना संभव नही था. इस हथियार के प्रयोग से से भी दुनिया का विनाश हो जाता. इससे बचने के लिए एक ही उपाय यह था कि शत्रु हथियार डालकर समर्पण कर धरती पर खड़ा हो जाए.

 4. आग्नेय अस्त्र – ये एक ऐसा हथियार था जिसमें मंत्र कि शक्ति सें आग निकलती थी तथा अपने      लक्ष्य कों जला कर रखा कर देती थी. इसे केवल पर्जन्य बाण के जरिये ही रोका जा सकता हैं.


5. पर्जन्य अस्त्र – इस हथियार में भी एक अनौखी ही शक्ति थी. इस हथियार का उपयोंग करने पर मौसम अपने आप ही परिवर्तित हो जाता था. आसमान में बादल घिरने लगते थे तथा बहुत ज्यादा बारिश होने लगती थी. खासतौर पर यह आग्नेय बाण का तोड़ था.

6. पन्नग अस्त्र - मंत्र बोलकर इस बाण के जरिए सांप पैदा किए जाते थे, जो तय लक्ष्य को जहर के प्रभाव से निश्चेत कर देते थे. इसकी काट गरुड़ अस्त्र से ही संभव थी. रामायण में भगवान राम व लक्ष्मण भी इसी के रूप नागपाश के प्रभाव से मूर्छित हुए थे और गरुड़ देव ने आकर इनसे मुक्ति दिलाई थी.

7. गरुड़ अस्त्र - इस अचूक बाण में मंत्रों के आवाहन से गरुड़ पैदा होते थे, जो खासतौर पर पन्नग अस्त्र या नाग पाश से पैदा सांपों को मार देते थे या उसमें जकडें व्यक्ति को मुक्त करते थे.

8. वायव्य अस्त्र – इस हथियार में एक बाण कों मंत्र बोलकर छोड़ा जाता था जिसके अन्दर इतनी शक्ति होती थी कि वो तेज हवा और तूफान पैदा करता था जिससे चारो और अँधेरा हो जाता था. इसी तरह एकाग्नि व ब्रह्मशिरा जैसे अलग-अलग देवी-देवताओं की शक्तियों से सराबोर मांत्रिक अस्त्रों का भी उपयोग किया जाता था.

ये तो प्राचीन भारत के हथियारों का एक रूप था जिन्हें हम अस्त्र के नाम से जानते हैं अब आपको बताते हैं प्राचीन भारत के दुसरे हथियारों के बारे जिन्हें शस्त्र के नाम से जाना जाता था.

1. गदा - छाती तक लंबाई व पतले हत्थे वाले इस शस्त्र का निचला भाग भारी होता था. इसका पूरा वजन तकरीबन 20 मन होता था. महाबली योद्धा हर हाथ में दो-दो गदा तक उठाकर युद्ध करते थे. ये हनुमान जी का प्रिय शस्त्र था.

2.असि - तलवार का ही एक नाम. यह धातु की बना टेढ़पन लिया हुआ धारदार शस्त्र.


3. त्रिशूल - निचला हिस्सा पतला और ऊपरी हिस्से पर तीन शूल होते हैं. इसलिए इसका नाम त्रिशूल पड़ा. इसे शिव जी के हथियार के रूप में जाना जाता हैं.

4. वज्र - ऊपरी तीन हिस्से टेढ़े-मेढ़े, बीच का भाग पतला व हत्था भारी होता है.


5. परशु - इसके ऊपरी हिस्से में लोहे का चौकोर धारदार फल होता है। यह तकरीबन 2 गज लंबा होता है। भगवान परशुराम के शस्त्र के रूप में भी प्रसिद्ध है.

6. चन्द्रहास - तलवार की तरह टेढ़ा कृपाण है. इसे खड्ग भी पुकारा जाता था.

7. चक्र - कांटेदार गोल लोहे या धातु से बना शस्त्र जो फेंककर चलाया जाता है.

8. तोमर - यह लोहे से बना तीर के आकार का होता था. इसका मुंह सांप की शक्ल का लोहे का ही होता था. पर निचला हिस्सा लकड़ी का बना होता था. लाल रंग का तकरीबन डेढ़ गज लंबे इस शस्त्र में नीचे पंख लगे होते थे, ताकि फेंकने के बाद हवा के साथ उड़ कर तेज गति से प्रहार कर सके.

 9. शक्ति - दोनों हाथों से फेंके जाने वाला नीले रंग का यह हथियार भारी होता था. इसका हत्था बड़ा, मुंह शेर की तरह होता था, जिसमें धारदार जीभ व पंजे होते थे. इसकी लंबाई एक गज की व इसमें छोटी घंटिया भी लगी होती थीं.

10. बाण - ये कई तरह के आकार के होते हैं, जो शर, तीर, सायक आदि कई नामों से जाने जाते हैं.


11. धनु - बाण चलाने का सबसे मुख्य शस्त्र हैं.


 

 


 
 
 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -