ज्ञानवापी सर्वे का दूसरा दिन आज, पहले दिन सनातन धर्म के चिन्हों की कराई गई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
ज्ञानवापी सर्वे का दूसरा दिन आज, पहले दिन सनातन धर्म के चिन्हों की कराई गई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी परिसर में शनिवार को ASI का दूसरे दिन का सर्वे आरम्भ हो गया है। इस बार सर्वे में मुस्लिम पक्ष भी सम्मिलित हुआ है। शुक्रवार को हुए सर्वे में मुस्लिम पक्ष से कोई भी सदस्य सम्मिलित नहीं हुआ था। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेट्री मोहम्मद यासीन ने बताया कि हम कानूनी प्रक्रिया क प्रतीक्षा कर रहे थे। अब जब सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वे पर रोक लगाने से मना कर दिया तो हम ASI सर्वे में पूरा सहयोग करेंगे।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि ASI को तय करना है कि सर्वे कब तक चलाएं लेकिन कोर्ट के आदेश के मुताबिक बिना कोई नुकसान पहुंचाए उच्च तकनीक से इसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज डिटेल मेथड के जरिए काम किया जाएगा, जो आगे के सर्वे का रूप तय करेगा। शुक्रवार को ASI ने ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर बाहरी हिस्सों की वीडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी थी। यह सर्वे लगभग 7 घंटे चला था। इस के चलते सर्वे में ASI ने  ज्ञानवापी के दीवारों, गुंबद एवं खंभों पर बने अलग-अलग चिह्नों को रिकॉर्ड किया। त्रिशूल, स्वास्तिक, घंटी, फूल जैसी आकृतियों की फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी कराई गई। हर आकृति की निर्माण शैली, उसकी प्राचीनता आदि की जानकारी दर्ज की गई।

ASI की टीम में 37 लोग थे। इसके अतिरिक्त IIT कानपुर के चार एक्सपर्ट भी टीम में सम्मिलित थे। इन लोगों को चार टीमों में बांटकर सर्वे आरम्भ किया गया। ज्ञानवापी परिसर के चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए। डेफ्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों की गहराई एवं ऊंचाई मापी गई। आज से मुस्लिम पक्ष के कब्जे वाला तहखाना खुलेगा, क्योंकि इसकी चाबी मुस्लिम पक्ष के पास है। तहखानों में गंदगी एवं मलबा का ढेर होने के कारण अभी लंबाई-चौड़ाई मापने का काम आरम्भ  नहीं हो पाया है, इसलिए पहले नगर निगम सबसे पहले तहखाने की सफाई करेगी। ASI अब जीपीआर यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक से जमीन के अंदर का सर्वे करेगी। फिलहाल इसके पहुंचने में थोड़ा समय लग जाएगा। माना जा रहा है कि 2 से 3 दिन में यह रडार ज्ञानवापी पहुंच जाएगा। GPR के माध्यम से मंगलवार से सर्वे आरम्भ हो सकता है। GPR यानी ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार एक ऐसी पद्धति है, जिसमें उपकरण के माध्यम से 8 से 10 मीटर तक की वस्तुओं का पता लगा सकता है। इसके तहत किसी भी संरचना के नीचे कंक्रीट, धातु, पाइप, केबल या किसी अन्य वस्तु की पहचान की जा सकती है।

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