बॉलीवुड के महान संगीतकार मोहम्मद ज़हूर खय्याम आज 90 साल के हो गए. 'उमराव जान', 'बाज़ार', 'कभी-कभी', 'नूरी', 'त्रिशूल' जैसी फ़िल्मों के गीतों की धुन बनाने वाले खय्याम संगीत प्रेमियों के बीच किसी परिचय का मोहताज नहीं है. बता दे कि खय्याम का जन्म 18 फरवरी 1927 को अविभाजित पंजाब में नवांशहर जिले के राहोन गांव में हुआ था. खय्याम 10 साल की उम्र में अभिनेता बनने का सपना संजोए अपने घर से भागकर अपने चाचा के घर दिल्ली आ गए.
इसके बाद ख्य्याम ने छह महीने तक पाकिस्तान के मशहूर संगीतकार जी.एस.चिश्ती के साथ काम किया. खय्याम अपने करियर की शुरुआत अभिनेता के तौर पर करना चाहते थे पर धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी फ़िल्मी संगीत में बढ़ती गई और वह संगीत के मुरीद हो गए.
फ़िल्म 'शोला और शबनम' ने उन्हें संगीतकार के रूप में स्थापित कर दिया. उन्हें करियर की सबसे बड़ी सफलता फिल्म "उमराव जान" में संगीत देकर मिली. इस फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए. उमराव जान की सफलता के बाद खय्याम ने रेखा की तारीफ करते हुए कहा था कि, रेखा ने मेरे संगीत में जान डाल दी.
उनके अभिनय को देखकर लगता है कि रेखा पिछले जन्म में उमराव जान ही थी. उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में क़रीब 40 साल काम किया और 35 फ़िल्मों में संगीत दिया. मोहम्मद ज़हूर खय्याम ने रात को 12 बजे अपने एक जन्मदिन का केक अपने परिवार के लोगो के साथ काटा है. खय्याम ने अपने इस जन्मदिन पर यह घोषणा की है कि वे अपनी 12 करोड़ प्रॉपर्टी को डोनेट कर रहे है.