सियोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे की सोमवार की वार्ता में दक्षिण कोरिया ने भारत की स्मार्ट शहर और रेलवे जैसी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए 10 अरब डॉलर का कोष स्थापित करने की पेशकश की और दोनों देशों ने आपसी संबंधों का दर्जा बढ़ाकर इसे विशेष रणनीतिक साझेदारी में बदलने का फैसला किया। मोदी सोमवार सुबह उलान बटोर से दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल पहुंचे। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भवन में मोदी का भव्य स्वागत हुआ, जिसके बाद उन्होंने दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति से वार्ता की। उनकी वार्ता के बाद दोनों देशों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
दोनों नेताओं की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का दर्जा बढ़ाकर इसे 'विशेष रणनीतिक साझेदारी' का कर दिया और दो प्लस दो प्रारूप में रक्षा और विदेश संबंधी वार्ता करने का फैसला किया। मोदी की इस यात्रा में दक्षिण कोरिया ने भारत में स्मार्ट शहर, रेलवे, बिजली उत्पादन और पारेषण जैसी अवसंरचना परियोजनाओं में साझा सहयोग के लिए 10 अरब डॉलर देने की भी मंशा जताई। साझा बयान में कहा गया है कि भारत अपनी एक्ट ईस्ट रणनीति में दक्षिण कोरिया को महत्वपूर्ण साझेदार मानता है।
दोनों पक्षों ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा स्थापित करने के लिए भारत की एक्ट ईस्ट नीति और दक्षिण कोरिया के उत्तर पूर्व एशिया शांति एवं सहयोग पहल (एनएपीसीआई) के बीच सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमति जताई। विशेष रणनीतिक साझेदारी की दिशा में दोनों पक्षों ने वार्षिक शिखर सम्मेलन स्थापित करने, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में सालाना संयुक्त आयोग की बैठक कराने और भारतीय तथा कोरियाई रक्षा शिक्षा संस्थानों में साझेदारी मजबूत करने पर सहमति जताई।
राष्ट्रपति पार्क ने मेक इन इंडिया पहल की सराहना की और मोदी ने उन्हें इस पहल में विशेष साझेदारी के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) की पूरी संभावना का दोहन करने के लिए अपने-अपने अधिकारियों को वार्ता करने का निर्देश दिया। दोनों देश इस्पात क्षेत्र में परस्पर लाभकारी परियोजनाओं का विकास करने के लिए सहयोग की संभावना तलाशेंगे और दोनों नेताओं ने जहाज निर्माण में सहयोग के लिए कंपनियों द्वारा रुचि दिखाने का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने फैसला किया कि जहाज निर्माण में सहयोग के लिए एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण में एक संयुक्त कार्य समूह गठित किया जाएगा। इसका मकसद दोनों देशों की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों के बीच संयुक्त उपक्रम और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के जरिए सहयोग को बढ़ावा देना है। पार्क ने स्वच्छ भारत अभियान की भी सराहना की। मोदी ने कोरिया के पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था की पहल की सराहना की और शहरी जल तथा वायु गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नवाचार नीतियों और प्रौद्योगिकियों को लागू करने में परस्पर लाभकारी साझेदारी के लिए कोरिया के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई।
दोनों पक्षों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और कोरिया एरोस्पेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (केएआरआई) के बीच हुई साझेदारी का स्वागत किया। दोनों पक्षों में जुड़वां शहर और जुड़वां राज्य/प्रांत संबंध को बढ़ावा देने पर भी सहमति जताई। दोनों पक्षों ने आतंकवाद के सभी रूपों के उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता जताई। दक्षिण कोरिया ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह, मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम, आस्ट्रेलिया ग्रुप एंड वासेनार अरेंजमेंट में भारत की सदस्यता को समर्थन देने का वादा किया।
दोनों ही पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रमुख विकासशील देशों को शामिल किए जाने के लिए उसके सुधार पर काम करने पर भी सहमति जताई। इससे पहले सियोल पहुंचने के बाद मोदी ने भारतवंशी समुदाय के 1,500 लोगों से मुलाकात की। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद भारत के प्रति दुनिया की धारणा बदली है। बाद में मोदी ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की-मून से मुलाकात की और राष्ट्रपति पार्क द्वारा आयोजित रात्रिभोज में हिस्सा लिया। मोदी ने पार्क को एक पशमिना स्टोल भेंट किया, जिस पर कोरिया के बारे में रविंद्र नाथ ठाकुर की कविता अंकित है।