नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा रिश्वत लेने का मामला आज सदन में भी गूंजा। सरकार ने आज लोकसभा में इस संबंध में कार्रवाई करने की बात करते हुए कहा कि सच सामने आना चाहिए। दूसरी ओर टीएमसी का कहना है कि उनके खिलाफ चुनाव से पहले की गई साजिश है। चेन्नई की एक कंपनी का बिजनेस बंगाल में सेटअप करने के लिए टीएमसी के सांसदों, मंत्रियों व विधायकों समेत 12 लोगों ने 4 से 50 लाख तक की रिश्वत ली।
इस मुद्दे को कांग्रेस, बीजेपी व माकपा ने संसद में उठाया और कार्रवाई की मांग की। सदस्यों का कहना था कि पहले भी ऐसे मामले सामने आए है, जब स्टिंग से जुड़े 11 सांसदों को निरस्त कर दिया गया था।
संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद की प्रतिष्ठा ताक पर है। हमें सच साबित करना होगा। केवल यह कहना पर्याप्त नहीं होगा कि यह साजिश है। इससे जनता संतुष्ट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस मामले में जांच करा सकती है या लोकसभा अध्यक्ष इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दें।
इससे पहले विभिन्न दलों के नेताओं ने जांच की मांग की। माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा कि जांच कमेटी गठित की जानी चाहिए। कई चैनलों पर सांसदों को नोटों की गड्डी जेब में रखते हुए देखा गया। इससे सदन की मर्यादा भंग हुई है। बीजेपी के एस एस अहलूवालिया और कांग्रेस के अधीर रंजन ने तृणमूल के सांसदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शुरुआथ में टीएमसी के सांसद चुपचाप बैठे रहे, लेकिन बाद में सलीम और टीएमसी के सांसदों के बीच नोंकझोंक शुरु हो गई।