अगर जिन्दा होते डॉ श्यामा प्रसाद, तो उन्हें भाजपा की सियासत पर शर्म आती - टीएमसी
अगर जिन्दा होते डॉ श्यामा प्रसाद, तो उन्हें भाजपा की सियासत पर शर्म आती - टीएमसी
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच राजनितिक जंग चरम पर है. इस बीच, पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मना रही हैं. टीएमसी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. 

पश्चिम बंगाल के मंत्री सोवनदेब चटर्जी ने प्रदेश सरकार की ओर से कोलकाता के कोकराटाला में मुखर्जी की मूर्ति पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. सोवनदेब चटर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि भाजपा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक साम्प्रदायिक नेता के रूप में पेश कर रही है जैसा कि उसकी विभाजन वाली सियासत को सूट करता है. 

सोवनदेव चटर्जी ने कहा कि, 'जबकि वास्तविक्त यह है कि कलकत्ता यूनिवर्सिटी के वीसी के तौर पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने विश्वविद्यालय में इस्लामिक स्टडीज की स्थापना की थी. वह पश्चिम बंगाल के सच्चे सपूत थे. उनकी सच्ची विरासत को लोगों के बीच प्रचारित प्रसारित किए जाने की आवश्यकता है. अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिंदा होते तो उन्हे भाजपा की सियासत पर शर्म आती.' उल्लेखनीय है कि आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. 23 जून 1953 को श्रीनगर में उनका देहांत हो गया था. उनका जन्म 6 जुलाई 1901 में हुआ था. 

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