मिच्छामी दुक्कडम के विचार
मिच्छामी दुक्कडम के विचार
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1- ‘मिच्छामी दुक्कडम’

 

2- बीते दिनों में मेरे किसी व्यवहार से आपका दिल दुखा हो तो उसके लिए मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा चाहता हूँ, कृपया क्षमा कर अनुग्रहित करे. ‘मिच्छामी दुक्कडम’  जय जिनेन्द्र 

 

3- ‘मिच्छामी दुक्कडम’ पर्युषण महा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। जय जिनेन्द्र 

 

4- नवकार मेरी सांस है जैन धर्म मेरा विश्वास है , गुरुदेव मेरे प्राण है , मोक्ष कि मुझे तलाश है , क्षमा पर्व पर उत्तम क्षमा

 

5- मासखमण, अठाई, छठ, चोगड़ो, आयम्बिल, एकासणा, बियसणा, वरसीतप एवं नवकारशी करने वाले सभी तपस्वीओको सुखशातामा पूछके खमावु बांरबार. पर्युषण महा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं! जय जिनेन्द्र

 

6- दो शब्द क्षमा के जीवो को खुशहाल करते है टकराव दूर होता है, खुशिया हज़ार देते है खुश रहे खुशिया बाटे, महान उसे कहते है मिच्छामि दुक्कडम्

 

7- भुल होना प्रकृति है मान लेना संस्कृति है इसलिये की गई गलती के लिये हमें क्षमा करे मिच्छामि दुक्कडम

 

8- मन, वचन, काया से जानते हुए अजान्ते हुए आपका दिल दुखाया होतो आपसे उत्तम क्षमा मिच्छामि दुक्कडम

 

9- 1 दिन के 24 घंटे 1 घंटे के 60 मिनिट 1 मिनिट के 60 सेकंड एक हजार लम्हे हजार लम्हे में 1 ही आवाज मिच्छामि दुक्कडम

 

10- सुरज जैसे अंधेरा दूर करे, पानी जैसे प्यास दूर करे वैसे ही पर्युषण क्षमा वाणी पर्व पर आप हमारी सारी गलतीयों और भूल-चुक को क्षमा करे मिच्छामि दुक्कडम

 

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