इस बार की शिवरात्रि भक्तों को शुभ फल देने वाली होगी
इस बार की शिवरात्रि भक्तों को शुभ फल देने वाली होगी
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इस बार शिवरात्रि भक्तों को हर तरफ से ख़ुशी प्रदान करेगी. क्यूंकि वर्षों बाद शिवरात्रि भगवान् शिव के खास दिन सोमवार को ही पड़ रही यही नहीं. सोमवार के दिन भगवान् वैसे ही अपने भक्तों पर प्रसन्न रहते हैं और इस बार शिवरात्रि तो इस पर चार चाँद लगा देगी. सोमवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र पड़ने से शुभ नाम का योग बन रहा है, इसके अलावा सिंहस्थ गुरु एवं राहु की युति चांडाल योग बना रही है. शुभ योग व चांडाल योग में शिव पूजन की विशेष मान्यता होने से भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी साबित होगा.

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाने का विधान है जो इस बार 7 मार्च सोमवार को मनाई जाएगी. अमूमन महाशिवरात्रि तब मनाई जाती है जब शुक्र अपनी उच्च मीन राशि में विद्यमान होता है और त्रिस्पर्शा युति यानी त्रयोदशी, चतुर्दशी व अमावस्या की युति में आधी रात निषिथ काल में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना को महत्व दिया जाता है.

इस साल शुक्र मीन राशि की जगह मकर राशि में विद्यमान रहेगा. चूंकि इस संवत वर्ष में सिंहस्थ काल चल रहा है यानी सिंह राशि में गुरु स्थित रहेगा और राहु की युति के साथ चांडाल योग की स्थिति बन रही है. यह स्थिति करीब 35 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रही है इसलिए दिन सोमवार, शुभ योग, चांडाल योग की महाशिवरात्रि को शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी.

मंगल दोष वाले महाशिवरात्रि को मतलब सोमवार कों रात 12 बजे कुछ विशेष पूजा अर्चना करके अपना मंगल दोष खत्म  कर सकते हैं. निशिथ काल में शिव पूजन करने व शिव को प्रिय बेल पत्र, भांग, धतूरा, जल, दूध, दही, घी, शहद आदि अर्पण करने से मांगलिक दोष दूर होता है 

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