कंसीव न कर पाने के कई कारण होते है जैसे अंडाणुओं की गुणवत्ता का कम होना, शुक्राणुओं का असक्रिय होना, शुक्राणुओं के स्तर में कमी आदि हो सकते है. एक अनुमान के अनुसार, दस फीसदी जोड़ो को प्रजनन क्षमता में कमी की शिकायत हो सकती है. तीस फीसदी भूमिका इसमें पुरुषों की होती है.
अंडकोष के सही तरीके से काम करने के जरूरी है कि इनका तापमान शरीर के सामान्य तापमान से कम हो. यदि अंडकोष का तापमान लगभग 98 डिग्री फॉरहेनहाइट तक पहुंच जाए तो शुक्राणुओं के निर्माण पर नकारात्मक असर पड़ता है. एक बार ऐसा होने पर ठीक होने में महीनो लग सकते है.
हॉट टब में 30 मिनट गुजारने से शुक्राणुओं के निर्माण पर गलत असर पड़ता है. शुक्राणुओं को परिपक्व होने काफी लम्बा समय लगता है. यदि तेज बुखार आता है टब भी शुक्राणुओं के स्तर प्रभावित होते है. लैपटॉप को गोद में रखने से भी अंडकोष के तापमान पर असर पड़ता है. मोबाईल फोन को जेब में रखने से शुक्राणुओं के प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है.
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