किस हद तक कर सकता है कैदी अंतिम इच्छा
किस हद तक कर सकता है कैदी अंतिम इच्छा
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आप सभी ने सुना ही होगा कि जो भी व्यक्ति मरता है उसकी अंतिम इच्छा पूरी की जाती है लेकिन वो अंतिम इच्छा किस हद तक होती है ये हम आपको बताते है। आइए। दरअसल में जब कोई मरने वाला अपनी अंतिम इच्छा रखता है तो उसके लिए कई तरह की शर्ते लागू होती है जो हम आपको बताने जा रहें है। मरने वाला व्यक्ति अंतिम इच्छा में अपनी सजा माफ़ नहीं करवा सकता। जिसे मौत की सजा सुनाई गई हो वो अंतिम इच्छा में अपना मनपसंद खाना मंगवा सकता है या फिर कोई स्पेशल डिश भी मंगवा सकता है। अगर मौत पाने वाला व्यक्ति अपनी अंतिम इच्छा में अपने पुरे परिवार से मिलने की इच्छा करता है तो ये भी पूरी की जाती है।

 

मौत के वक्त अगर कैदी अपनी अंतिम इच्छा में कोई धर्म की पुस्तक पढ़ने का कहता है तो ये भी माना जाता है। भारत के संविधान के अनुसार मौत की सजा प्राप्त अपराधी इन इच्छाओं के अलावा अगर किसी और बात की मांग करता है तो उस पर विचार करने जैसा कोई नियम नहीं है। इसके नियम पहले से ही तय होते है जो पुरे किए जाते है। इन सभी इच्छाओ में से अगर कैदी किसी तरह की इच्छा करता है तो वहीँ पूरी की जाती है।

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