संसद की सुरक्षा में चूक के बाद मचा हंगामा....बात सिर्फ एक साजिश का जिम्मेदार कौन
संसद की सुरक्षा में चूक के बाद मचा हंगामा....बात सिर्फ एक साजिश का जिम्मेदार कौन
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नई दिल्ली: संसद भवन में बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सुरक्षा में सेंध लगाने के केस के उपरांत वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर तमाम प्रश्न उठने लगे है। इस बीच दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने दावा किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मुख्य साजिशकर्ता पकड़े गए आरोपियों के अलावा और कोई नहीं है। पुलिस की तरफ से फिलहाल इस मामले में कार्रवाई जारी है।

यह है मामला: खबरों का कहना है कि बीते बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक से जुड़े केस को दिल्ली पुलिस ने यूएपीए की धारा के अंतर्गत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस प्रकरण में दिल्ली पुलिस की खासी किरकिरी हो गई और संसद की सुरक्षा को लेकर कई प्रश्न खड़े कर दिए है। सुरक्षा के पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के बावजूद लखनऊ निवासी सागर शर्मा और मैसूर निवासी डी. मनोरंजन संसद में जूते में छिपाकर स्मोक केन (धुआं बम) लेकर घुसे थे। वहीं, संसद के बाहर पुलिस के सामने ही नीलम व अमोल शिंदे ने पीले व लाल रंग के स्मोक केन चला दिए और पुलिस उन्हें रोक नहीं पाई थी। इन सब के मध्य लोकसभा की दर्शक दीर्घा में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का इस बारें में बोलना था कि वह लोकसभा की कार्यवाही देखने आए थे। सभी लोग चुपचाप बैठे थे। अचानक दो प्रदर्शनकारी उठे और गैलरी से कूद कर सदन कक्ष में चले गए। इसके बाद सांसदों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया।

डेढ़ साल पहले थे आरोपी:  खबरों का कहना है कि अब बताया जा रहा है कि बुधवार को घटना को अंजाम देने से पहले ही आरोपियों ने संसद के बाहर रेकी भी कर ली गई है। इतना ही नहीं पुलिस का तो यह भी कहना है कि सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज 'भगत सिंह फैन क्लब' से जुड़े थे। यह सभी आरोपी करीब डेढ़ साल पहले एक दूसरे से मैसूर में पाए गए थे। खबरों का कहना है कि पुलिस सूत्रों के मुताबिक  सागर जुलाई में लखनऊ से आया था, लेकिन संसद भवन में प्रवेश नहीं कर पाया था। इसके बाद, 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। जिसके उपरांत इंडिया गेट के पास एकत्र हुए, जहां सभी को रंगीन पटाखे  भी प्रदान किए गए। 

यूएपीए की धारा के तहत केस दर्ज: बता दें कि इस पूरे केस में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने UAPA की धारा के तहत केस दर्ज किया है। गृह मंत्रालय ने भी जांच के आदेश दिए। गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर गृह मंत्रालय ने संसद की सुरक्षा में चूक की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। CRPF के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित भी कर दी गई है, इसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों के सदस्य और विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

क्या हुआ था संसद में: बुधवार दोपहर में दो अपराधी मनोरंजन डी और सागर शर्मा लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए और उन्होंने कलर स्मॉग का उपयोग किया गया, इससे सांसदों में के बीच अफतरातफरी मच गई। सांसदों ने आरोपियों को पकड़ा और उनकी पिटाई भी कर दिया है। जिसके उपरांत बाद उन्हें सदन में मौजूद मार्शल के हवाले कर दिया है।  

दूसरी ओर, उसके साथी नीलम और अमोल शिंदे ने संसद भवन के बाहर कलर स्मॉग का इस्तेमाल किया और नारेबाजी करना शुरू कर दी। इसके बाद बाहर मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ललित और विशाल शर्मा के रूप में दो अन्य आरोपी भी इस साजिश में शामिल थे। विशाल को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया, जबकि ललित फिलहाल फरार चल रहे है।

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