दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य का पर्दाफाश जान गए हैं कब होगा दुनिया का अंत
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दुनिया खत्म होने की भविष्यवाणियां आपने अक्‍सर सुनी होंगी। लेकिन देवभूमि में मौजूद एक गुफा में छिपा रहस्य दुनिया खत्म होने की गवाही देता है। इस गुफा में चार खंभे है जो सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग को दर्शाते हैं। इनमें पहले तीन आकारों में कोई परिवर्तन नहीं होता। जबकि कलियुग का खंभे के बारे में यहां के पुजारी बताते हैं कि 7 करोड़ वर्षों में यह पिंड 1 इंच बढ़ता है। मान्यता है कि जिस दिन यह पिंड कलियुग के खंभे से मिल जाएगा उस दिन दुनिया खत्म हो जाएगी।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट कस्बे में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा के बारे में स्कंद पुराण में कहा गया है कि इसमें भगवान शिव का निवास है और यहां सभी देवी-देवता शिव की पूजा करते हैं। इस गुफा में एक जगह है, जहां भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट कर रख दिया था। आदि गणेश की सिर विहीन मूर्ति लोगों को स्तब्ध कर देती है। इस मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला ब्रह्मकमल सुशोभित है। जहां से दिव्य जल की बूंदें टपकती हैं।

वहीं गुफा में नाग की आकृति भी चट्टान में नजर आती है। कहा जाता है कि राजा परीक्षित को मिले श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए उनके पुत्र जन्मेजय ने इसी कुंड में सभी नागों को जला डाला लेकिन तक्षक नाग बच निकला जिसने बदला लेते हुए परीक्षित को मौत के घाट उतार दिया। हवन कुण्ड के ऊपर इसी तक्षक नाग की आकृति बनी है। इसी तरह आगे चट्टानों में एरावत हाथी के तराशे हुए पैर नजर आते हैं, स्कन्द पुराण के मानस खण्ड में इसका वर्णन किया गया है।

गुफा के संकरे रास्ते से जमीन से दस फीट अंदर जाने पर गुफा की दीवारों पर विभिन्न आकृतियां नज़र आती हैं। कहा जाता है कि पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की थी। बाद में आदि शंकराचार्य ने इस गुफा की खोज की। आगे चलकर भगवान केदारनाथ नजर आते हैं। उनके बगल में ही बद्रीनाथ विराजमान हैं। ठीक सामने बद्री पंचायत बैठी है बद्री पंचायत के ऊपर की ओर बाबा अमरनाथ की गुफा है तथा पत्थर की बड़ी-बड़ी जटाएं फैली हुई हैं। आगे बढ़ते ही काल भैरव की जीभ के दर्शन होते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी मनुष्य काल भैरव के मुंह से गर्भ में प्रवेश कर पूंछ तक पहुंच जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

पास में त्रिदेव ब्रह्मा-विष्णु-महेश तथा महेश्वर सुशोभित हैं। अन्दर बढ़ते हुए गुफा की छत से गाय की एक थन की आकृति नजर आती है। ये कामधेनु गाय का स्तन है, कलयुग में अब दूध के बदले इससे पानी टपक रहा है। गुफा की शुरुआत पर एक मनोकामना कुंड है। माना जाता है कि यहां बने एक छेद से धातु की कोई चीज पार करने पर मन्‍नत पूरी होती है।

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