राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतिक, लट्ठमार होली
राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतिक, लट्ठमार होली
Share:

मथुरा: होली की बात हो और राधा कृष्णा का नाम न आए ऐसा हो ही नहीं सकता. पूरे भारतवर्ष में राधा-मोहन , गोप और गोपियों की होली की तर्ज पर ही इस त्यौहार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. लेकिन फिर भी होली का जो रूप उत्तर प्रदेश के मथुरा, ब्रज आदि क्षेत्रों में देखने को मिलता है वो और कहीं नहीं मिलता. राधिका की नगरी बरसाना में आठ दिन पहले से ही होली का शुभारंभ हो जाता है. 

दुनियाभर में मशहूर बरसाना की लट्ठमार होली में महिलाएं पुरुषों को लाठी से मारती हैं और पुरुष खुद को ढाल से बचाते हैं. इस लठमार होली की तैयारी महिलाएं एक महीने पहले से ही शुरू कर देती हैं. एक महीने पहले ही दूध, बादाम आदि पौष्टिक पदार्थों का सेवन शुरू कर देती हैं, जिससे वह लगातार बिना थके डेढ़-दो घंटे तक लाठी चला सकें.दरअसल, बरसाना राधा के गांव के रूप में जाना जाता है. वहीं 8 किलोमीटर दूर बसा है भगवान श्रीकृष्ण का गांव नंदगांव. इन दोनों गांवों के बीच लट्ठमार होली की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

इसके पीछे मान्यता है कि, बरसाना श्रीकृष्ण का ससुराल है और कन्हैया अपनी मित्र मंडली के साथ ससुराल बरसाना में होली खेलने जाते थे. वो राधा व उनकी सखियों से हंसी ठिठोली करते थे तो राधा व उनकी सखियां नन्दलाल और उनकी टोली (हुरियारे) पर प्रेम भरी लाठियों से प्रहार करती थीं. वहीं श्रीकृष्ण और उनके सखा अपनी अपनी ढालों से बचाव करते थे. इसी को लट्ठमार होली का नाम दिया गया. मान्यता है कि, बरसाने की औरतों (हुरियारिनें) की लाठी जिसके सिर पर छू जाए, वह सौभाग्यशाली माना जाता है

Holi 2018 : ये है होलिका दहन का मुहूर्त

इन जगहों पर खेली जाती है बिना रंगो वाली शानदार होली

होली को यादगार बनाने के लिए मज़ेदार WhatsApp Status

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -