Jun 09 2017 10:42 PM
भगवान सूर्य ऊर्जा के परम स्त्रोत हैं। भगवान सूर्य ऐसे भगवान हैं जिनकी आराधना से कीर्ति, यश, सफलता, तेज, समृद्धि मिलती है। भगवान सूर्य पराक्रम भाव के भी देवता है। भगवान सूर्य के जन्मकुंडली में अच्छी दशा में होने पर जातक पराक्रमी, तेजस्वी, यशस्वी होता है। वह जो कार्य करता है उसमें वह सफल होता है।
भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान सूर्य उन्नति के भी देवता हैं। भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए जब हम तांबे के पात्र में जलभरकर अर्घ्य देते हैं तो फिर हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। इतना ही नहीं भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान लाल रंग का कुमकुम यदि अर्घ्य देने के जल में मिला दिया जाए और उसमें लाल रंग का एक पुष्प भी मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए तो भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और जातक को शुभ फल देते हैं।
भगवान सूर्य के सूर्य यंत्र का रविवार को पूजन करना और उसकी स्थापना करना बेहद शुभ माना जाता है। प्रातः काल स्नान कर भगवन सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए, ऐसा करने से सूर्य देव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।
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