Apr 19 2017 03:30 AM
घर में रामायण हो या फिर गीता हो या फिर अन्य धर्म ग्रंथ रखे तो जाते है वहीं समय-समय पर इन धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी परिजनों द्वारा किया जाता है, लेकिन इन्हें पढ़ने के बाद इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है कि इनका अनादर नहीं किया जाए। अर्थात पढ़ने के बाद या तो ऐसे ही रख दिया जाते है या फिर धुल की परत जमने लगती है।
ऐसा करना निश्चित ही धर्म ग्रंथों के अनादर की श्रेणी में आता है। इसलिए यह ध्यान रखा जाए कि जब भी धर्म ग्रंथ पढ़े, उन्हें पढ़ने के बाद पूजन स्थल के समीप ही रखे, ताकि शुद्धता बनी रहे तथा धर्म ग्रंथों का अनादर भी न हो। शास्त्र यह कहता है कि धर्म ग्रंथों को सुबह के समय ही पढ़ा जाना चाहिए, हालांकि शाम के समय दीपक अगरबत्ती लगाने के दौरान भी पढ़ने में वैसे कोई बुराई नहीं।
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