नई दिल्ली: बैंकों के मुखिया रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने ऐक्सिस बैंक बोर्ड से शिखा शर्मा को चौथा टर्म देने पर दोबारा विचार करने को कहा था, जिसके बाद खुद शिखा ने ही अपने कार्यकाल में कटौती का 'चौंकाने वाला आग्रह' बैंक के बोर्ड से किया है, इस साल के अंत तक वे जॉब छोड़ देंगी. तो आइए जानते हैं वे कुछ ख़ास बातें जो एक बड़ी बैंक की सीईओ की नौकरी जाने का कारण बनी.
आरबीआई शिखा शर्मा से इसलिए भी नाराज है क्योंकि उसे एनपीए के आकलन में बैंक की ओर से गड़बड़ियां मिलीं, इसके लिए आरबीआई ने ऐक्सिस बैंक पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगा दिया. दिसंबर 2009 के आखिर में ऐक्सिस बैंक ने 1,173 करोड़ रुपये का एनपीए घोषित किया था जो दिसंबर 2017 के आखिर में बढ़कर 25,001 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसके अलावा बैंक के शुद्ध मुनाफे में भी कमी आई है, दिसंबर 2016 में इसका शुद्ध मुनाफा दिसंबर 2015 में 2,175 करोड़ के मुकाबले घटकर महज 597 करोड़ रुपये रह गया था.
आरबीआई की नाराजगी की एक बड़ी वजह यह भी है कि 8 नवंबर 2016 को केंद्र सरकार की ओर से घोषित नोटबंदी के बाद बैंक कर्मचारियों ने पुराने नोट अवैध तरीके से बदले, इस मामले में ऐक्सिस बैंक की विभिन्न शाखाओं के कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे. इतना ही नहीं एक्सिस बैंक के कर्मचारियों ने जून 2017 तिमाही के रिजल्ट्स जारी होने से पहले ही वॉट्सऐप पर लीक कर दिए थे. इस मामले में बैंक सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) की जांच के दायरे में है.
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