प्लास्टिक मनी से मिलेगा "मेक इन इंडिया" को बढ़ावा
प्लास्टिक मनी से मिलेगा
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नई दिल्ली : मुद्रा स्वदेशीकरण के संगोष्टी कार्यक्रम में जेटली ने कहा की अगर मैक इन इण्डिया का सपना पूरा करना हो तो हमें प्लास्टिक मनी को अपनाना होगा और सभी को इस तरफ बढ़ना होगा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि हमें प्लास्टिक मनी की ओर कदम बढ़ाने होंगे। प्लास्टिक मुद्रा के अधिक से अधिक प्रयोग का समर्थन करते हुए जेटली ने कहा, 'विकसित देश ज्यादा से ज्यादा प्लास्टिक मुद्रा और पेमेंट गेटवे की ओर बढ़े हैं। भारत के लिए भी यह जरूरत है। हम धीरे-धीरे इस दिशा में बढ़ने के लिए कदम उठाने को प्रतिबद्ध हैं।' प्लास्टिक मुद्रा से आशय क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से है। इससे भी कागजी मुद्रा नोटों पर निर्भरता कम होती है।

जेटली यहां 'मेक इन इंडिया : मुद्रा का स्वदेशीकरण' पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि हौशंगाबाद और मैसूर में नई इकाइयों की स्थापना से नोट मुद्रण के कागज के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी और मोदी सरकार की मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा मिलेगा। जेटली ने यहां 'मेक इन इंडिया, मुद्रा का स्वदेशीकरण' पर एक संगोष्ठी में कहा कि देश को 'पुरानी प्रणालियों' को पीछे छोड़ते हुए भविष्य की प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा, ताकि देश को तरक्की और स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा सके और रोजगार सृजन हो जिससे की युवाओ की बेरोजगारी खत्म हो ।

जेटली ने कहा कि यही समय है, जब हमें कम से कम अपनी स्याही और अपने कागज पर नोट छापना शुरू कर देना चाहिए। यह मात्र सांकेतिक नहीं, बल्कि विचार प्रक्रिया भी है जो कि भारतीय विनिर्माण को एक तय स्तर पर लाने की इच्छा दिखाती है।

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