नई प्रक्रिया से दूर होगी रक्षा खरीद की समस्याएं : पर्रिकर
नई प्रक्रिया से दूर होगी रक्षा खरीद की समस्याएं : पर्रिकर
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नई दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि नई रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) लगभग तय हो चुकी है और इससे खरीद की प्रक्रिया संबंधी कठिनाइयां खत्म हो जाएंगी। पर्रिकर ने बताया कि उनकी अध्यक्षता वाला रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) जनवरी 2016 तक नई प्रक्रिया की समीक्षा कर लेगा। पर्रिकर ने रक्षा उत्पाद विभाग के मेक इन इंडिया पोर्टल की लांचिंग के बाद कहा कि गत 10 सालों में रक्षा मंत्रालय में अविश्वास का माहौल बन गया है और खरीद से अधिक महत्वपूर्ण प्रक्रिया हो गई है।

पर्रिकर ने कहा, डीपीपी में कई बदलाव किए गए हैं। यह लगभग तय हो चुका है और यह तय तरीके से आगे बढ़ रही है। जनवरी 2016 के अंत तक डीएसी इसकी समीक्षा कर लेगा। पर्रिकर ने कहा कि धीरेंद्र सिंह कमेटी के सुझाव के बाद डीपीपी में बदलाव किए गए हैं और वरिष्ठ अधिकारी अगले दो सप्ताह में मसौदे की गहराई से जांच कर लेंगे। उन्होंने कहा, गत एक दशक में प्रक्रिया लक्ष्य पर भारी पड़ गई है। लक्ष्य है कि रक्षा उपकरण यथासंभव देश में निर्मित हों।

मंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार जीप की खरीदारी का फैसला करने में 6-7 साल लग जाते हैं और आखिर में प्रक्रिया में त्रुटि रह जाने से ठेका रद्द हो जाता है। उन्होंने कहा कि अविश्वास के माहौल के कारण अधिकारी फैसला लेने से डरते हैं। पर्रिकर ने कहा कि यह स्थिति बदलनी चाहिए। पोर्टल मंत्रालय और उद्योग के बीच संवाद का एक मंच होगा और इस पर नीतियों तथा शर्तो की अद्यतन सूचनाएं होंगी। मंत्री ने कहा कि उन्हें रक्षा क्षेत्र में 2017 तक मेक इन इंडिया घटक का अनुपात बढ़ाकर 50 फीसदी करने और अगले पांच साल में 60-70 फीसदी कर लेने की उम्मीद है।

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