इस व्रत को करने से होगा पितृ दोष निवारण
इस व्रत को करने से होगा पितृ दोष निवारण
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हिन्दू पंचांग के अंतर्गत कुशोत्पाटिनी अमावस्या को अहम महत्त्व दिया गया है। इस दिन व्यक्ति उपवास कर मोक्ष प्रप्ति के लिए आराधना करता है। कुशोत्पाटिनी अमावस्या को कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते है। आज के दिन सभी प्रकार के धार्मिक कार्य किये जाते है जैसे पितृ दोष की तृप्ति के लिए दान-पुण्य आदि कई धार्मिक कार्य किये जाते है। इस अमावस्या पर एक खास स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है। इस दिन पितृ दोष के निवारण के लिए तथा अन्य दोषो के निवारण के लिए कुश जो की धार्मिक कार्य में प्रयोग होने वाली घास है इन्हे एकत्रित किया जाता है। आज के दिन इस श्लोक के उच्चारण से अधिक लाभ मिलता है।

।। कुशा: काशा यवा दूर्वा उशीराच्छ सकुन्दका:।।

।। गोधूमा ब्राह्मयो मौन्जा दश दर्भा: सबल्वजा ।।

भारतीय गंथो के अनुसार आज के दिन को अति शुभ माना जाता है। आज ही के दिन पितृ दोष का निवारण किया जाता है इसी के साथ ही कई प्रकार दान पुण्य कर अपने पूर्वजो को याद किया जाता है। आज के दिन स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है जो अति पवित्र माना जाता है। इस वर्त को करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। इस वर्त को एक वर्ष तक किया जाता है।

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