आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ?
आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ?
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फिल्म द केरल स्टोरी में दिखाई गई आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी ISIS में भर्ती हुई केरल की 3 लड़कियों की कहानी इन दिनों सुर्खियों में है। ये तीनों लड़कियां पहले मुस्लिम नही हुआ करती थीं, कोई क्रिश्चियन थी तो कोई हिंदू, लेकिन आतंकी बनने से पहले इन्हें किसी रिवाज की तरह इस्लाम कबूल करना पड़ा, जिसके बाद इनके नए नाम रखे गए, और फिर इन्हें आतंकियों की यौन दासियां बनने और अन्य कार्यों के लिए अफगानिस्तान भेज दिया गया। ये खुशी से चली भी गईं, जैसे किसी महा मानवीय कार्य में अपना जीवन समर्पित कर रहीं हों। वक्त के साथ उन्हे आतंकियों की राक्षसी प्रवृत्ति का अहसास हुआ भी, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता।आज भी केरल की 4 लड़कियां अफगानिस्तान की जेल में कैद हैं, जो भारत सरकार से यहां आने के लिए गुहार लगा रहीं हैं, लेकिन हिंदुस्तान के दरवाजे उनके लिए बंद हो चुके हैं। ये अलग बात है कि भारत के ही कुछ राजनेता इसे प्रोपेगेंडा और झूठ बता रहे हैं, हो सकता है, उनकी कोई सियासी मजबूरी हो, या कुर्सी पाने के लिए ऐसा बोलना जरूरी हो। सवाल यह भी है कि, इन लड़कियों को आतंकी बनाने से पहले मुस्लिम क्यों बनाना पड़ा ? अगर किसी से अपराध करवाना हो, तो क्या उसका धर्म बदलना जरूरी होगा ? इनमे वैसे ही जहर भरकर आतंकी बना देते, धर्मांतरण क्यों ? और धर्मांतरण के बाद उन्हें क्या दिखाकर, क्या पढ़ाकर आतंकी बनाया गया, ये भी बड़ा सवाल है? लेकिन, राजनेता कहते हैं तो, चलो मान लिया कि यह कहानी झूठी है, आते हैं दूसरी कहानी पर ।।

मध्यप्रदेश और तेलंगाना में हिज्ब उत तहरीर :–

मध्य प्रदेश ATS ने मंगलवार (10 मई 2023) को छापेमारी करते हुए HUT (हिज्ब उत् तहरीर) नाम के आतंकी संगठन से संबंधित 16 संदिग्धों को अरेस्ट किया था। ये छापेमारी भोपाल, छिंदवाड़ा और हैदराबाद से हुई थीं। UAPA की धाराओं में अरेस्ट किए गए इन तमाम आरोपितों के पास से तकनीकी उपकरण, देश विरोधी दस्तावेज, कट्टरपंथी साहित्य और हथियार भी बरामद हुए थे। आतंकी संगठन के लोग आम जनता के बीच कंप्यूटर इंजीनियर, टेक्नीशियन, टीचर, व्यवासायी, जिम ट्रेनर, कोचिंग सेंटर संचालक, ऑटो ड्राइवर, दर्जी आदि रूपों में घुल-मिल कर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देते हैं। इनमे से आधे संदिग्ध पहले हिंदू ही थे, लेकिन मजे की बात ये है कि, भले ही आतंकवाद का कोई धर्म न होता हो, पर इन्हें आतंकी बनाने से पहले इन्हें मुस्लमान बनाया गया और वो भी इतना कट्टर कि ये लोग भी अपनी बीवी–बच्चों समय दूसरों को मुसलमान बनाने लगे। हां, ये सच है कि सभी मुस्लिम आतंकी नही होते, लेकिन फिर ऐसा कौनसा कारण है कि लोगों को आतंकी बनाने से पहले इस्लाम कबूल करवाकर मुस्लिम बनाया जाता है ?

बहरहाल, ATS की पूछताछ में पता चला कि सलीम कुछ समय पहले तक सौरभ राजवैद्य था। वह भोपाल का बैरसिया के पास का निवासी है। वर्ष 2010 में सौरभ पहले खुद इस्लाम कबूलकर मुस्लिम बना और फिर 2012 में उसने अपनी हिंदू बीवी को भी इस्लाम कबूल करवा दिया। इसके बाद दोनों हैदराबाद रहने चले गए। चूँकि सलीम (सौरभ) मध्य प्रदेश से था, इसलिए उसे पूरे एमपी में हिज्ब-उत-तहरीर संगठन का एजेंडा फैलाने का जिम्मा सौंपा गया, यहाँ तक कि उसे इसकी ट्रेनिंग देने के लिए विदेश भी भेजा गया। संगठन से जुड़ने के बाद उसने काफी कम समय में 100 लोगों को अपने साथ इस मिशन में जोड़ लिया और सभी लोग मध्य प्रदेश के जंगलों में हथियार चलाने की प्रैक्टिस करने लगे। हैरानी की बात यह है कि सौरभ राजवैद्य से मोहम्मद सलीम बनने के बाद उसे ‘महान धर्मनिरपेक्ष’ नेता असदुद्दीन ओवैसी के हैदराबद स्थित डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के बायोटेक्निकल डिपार्टमेंट में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई और वह यहाँ पढ़ाने के नाम पर मजहबी जहर उगलने लगा। इसी तरह ओडिशा के रहने वाले देवी प्रसाद पांडा ने और हैदराबाद के वेणु कुमार भी पहले हिन्दू थे, बाद में उन्होंने भी इस्लाम कबूल कर लिया और अपना नाम क्रमशः अब्दुल रहमान व मोहम्मद अब्बास रख लिया और सलीम के साथ मजहबी जहर फैलाने में जुट गए। इन सभी के अलावा गिरफ्तार लोगों में 2 अन्य ऐसे भी हैं, जिनकी पत्नियाँ पहले हिंदू थीं और बाद में उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया। भोपाल के जिम ट्रेनर यासिर खान ने भी एक हिंदू लड़की से निकाह कर के उसे मुस्लिम बना दिया था। एक रिपोर्ट में तो यहां तक दावा है कि यही यासिर खान, मध्य प्रदेश में चुनाव के दौरान भीड़ भरे इलाके में मानव बॉम्ब बनकर फटना चाहता था और इस्लाम के लिए बलिदान होना चाहता था। चलो राजनेताओं की मानते हैं, ये भी झूठ है, और अगला किस्सा देखते हैं।

यासिर की बीवी, जो भूमिका से बनी हुदा:–

भोपाल के जिम ट्रेनर यासिर के बारे में आप ऊपर पढ़ चुके हैं, इसी यासिर ने हिन्दू लड़की के साथ शादी कर उसे भूमिका से हुदा बना दिया था। भूमिका ने मप्र की राजधानी भोपाल से मार्केटिंग-बिजनेस में MBA की डिग्री ली है। वो मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली हैं। 2018 में भूमिका (हुदा) ने इस्लाम कबूल कर लिया। मीडिया से बात करते हुए हिन्दू से मुस्लिम बनी हुदा ने कहा कि यासिर के परिजनों ने मीडिया से बातचीत की अनुमति नहीं दी थी, मगर अब बुर्का पहनकर बातचीत करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही हुदा को यह भी निर्देश थे कि उसे क्या बोलना है और क्या नहीं। यानी ये हुदा के ऊपर था कि, वो किस सवाल का जवाब दे और किसका न दे। भूमिका से हुदा बनी युुवती अब इतनी कट्टर हो चुकी है कि उसे अपने मां बाप और देवी देेवता से भी नफरत हो गई है। वो कहती हैं कि, इस्लाम में केवल एक अल्लाह की ही इबादत होती है, जबकि हिन्दुओं में रोज़ अलग-अलग भगवान। उसने विज्ञान को भी नकारते हुए कहा कि कुरान कहता है कि अल्लाह ही इस पूरी कायनात को चलाता है और उसके पति को भी अल्लाह ही जेल से बाहर निकलेगा। वह भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार होने का दावा करते हुए कहती है कि, लव जिहाद झूठ है, ये मुस्लिमों के खिलाफ साजिश है। चलो इसे भी झूठ मानते हुए आगे बढ़ते हैं।

गैर–मुस्लिम लड़कियों का बलात्कार जायज :–

NIA ने 26-27 मई को जबलपुर में 13 ठिकानों पर छापा मार करवाई करते हुए ISIS मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। NIA ने कुछ लोगों को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया था, मगर ISIS से जुड़े तीन कट्टर आतंकियों को अरेस्ट कर लिया था। अरेस्ट किए आरोपियों के पास से ही कुछ विवादित और भड़काऊ दस्तावेज NIA को मिला है। ISIS के डॉक्यूमेंट के अनुसार, 2050 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के ही साथ हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू स्त्रियों के संबंध में गलत और अश्लील बातें भी लिखी हुईं हैं। उसमे बताया गया है कि, किस तरह इस्लाम, हिंदू और अन्य सभी धर्मो से अच्छा है। साथ ही हिंदू देवी-देवताओं को लेकर बहुत नफरती कंटेंट भी पेश किया गया है। कई धार्मिक श्लोकों के भी गलत अर्थ निकालकर दावा प्रोग्राम में दिखाए गए हैं। यही नहीं, इस डॉक्यूमेंट में गैर–मुस्लिम (खासकर हिंदू) लड़कियों के बलात्कार को बिल्कुल जायज और खुदा के करीब ले जाने वाला बताया गया है। अब जब बलात्कार को जन्नत जाने का रास्ता मान लिया जाएगा, तो बलात्कार की घटनाएं कैसे रुकेगी, और कब तक लड़कियों के जिस्म इसी तरह नोचे जाते रहेंगे ? श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाले आफताब का भी यही विचार था कि, फांसी मिली तो भी अफसोस नही, जन्नत मिलेगी और वहां 72 हूरें। खैर, हमें तो राजनेताओं ने बताया ही है कि ये सब झूठ है, इसलिए चिंता करने की कोई बात नही।

एक झूठ यह भी ध्यान रहे कि, गत वर्ष 2022 में बिहार पुलिस और NIA ने कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का भंडाफोड़ किया था, जो 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने पर काम कर रहा है और केरल से कश्मीर तक फैल चुका है। इस साजिश को सफल करने के लिए PFI ने पूरा प्लान भी बना लिया था कि, कैसे मुस्लिमों को हथियार की ट्रेनिंग देनी है, कैसे SC/ST और OBC को भड़काकर उन्हें बाकी हिन्दुओं के खिलाफ करना है, सिस्टम में अपने लोग बिठाने हैं और फिर आतंकी संगठित होते ही सत्ता पर कब्ज़ा कर भारत को इस्लामी झंडे के नीचे लाना है। उसके बाद पिछले महीने यानी मई 2023 में गुजरात से अल क़ायदा का बड़ा टेरर मॉड्यूल पकड़ा गया था, जिसमे 4 बांग्लादेशी आतंकी गिरफ्तार किए गए थे और अब मध्य प्रदेश जबलपुर में इस्लामिक स्टेट (ISIS) की साजिशों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। लेकिन, चलो सबको झूठ मानते हैं और सो जाते हैं, अभी हमारा नंबर नही आया है।

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