Jul 07 2017 02:00 AM
जीवन के वास्तविक उद्देश्य को पहचानने में ही जीवन की सार्थकता है। अभिभावकों को इस बात का चिंतन-मनन करने की आवश्यकता है कि वे बच्चों को टीवी-मोबाइल पर क्या दिखा रहे हैं।
बच्चों को महापुरुषों के चित्र और जीवनी बतलाएंगे तो जीवन की वास्तविकता समझ आएगी। सद्चरित्र के प्रभाव से वे सदाचारी, परोपकारी, सत्यप्रेमी और सद्गुणी बनेंगे। फिल्म अभिनेताओं के चित्र देखने से उनमें सद्गुण कैसे आएंगे। यह बात आचार्य डॉ. शिवमुनि ने कही।
\उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की वाणी, सोच, उपदेश, उदारता और सहनशीलता बांटने के लिए ही आया हूं। उनकी हर अच्छाई को आत्मसात करने की आवश्यकता है। इसमें हम सब का कल्याण और जीवन की सार्थकता छुपी हुई है। आज मानव में ध्यान, भक्ति, सदाचार, परोपकार के प्रति रुचि जगाना आवश्यक है। मेरी भावना है कि आप सब ध्यान मग्न हों और ध्यान को जीवन में उतारें।
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