Sep 19 2016 06:55 PM
भगवान मंगलनाथ जो कि भूमि के कारक होते हैं। ये विवाह, किसी शुभकार्य आदि के भी कारक हैं। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार यदि यदि जन्मकुंडली में मंगल 4 थे, 7 वें, 12 वें आदि स्थान में हो तो जातक मांगलिक होता है।
ऐसे में जातक को विवाह में देरी, नौकरी में बाधा आदि परेशानियां आती हैं। दरअसल मंगल की उत्पत्ती धरती से ही मानी जाती है। इतना ही नहीं मंगल देव को भूमि पुत्र भी कहा जाता है। यदि जात को विवाह में देरी या अन्य कोई परेशानी आ रही हो तो जातक को मंगल देव का पूजन करवाना चाहिए।
यही नहीं इसके लिए मध्यप्रदेश के उज्जैन में मंगलदोष का निवारण होता है। यही नहीं इस पूजन से भगवान मंगल शांत होते हैं और जातक के सारे काम बनने लगते हैं। यह एक मात्र ऐसा स्थान है जहां पर भातपूजन का विधान है। यहां पर नवग्रह शांति और अन्य शांतियां भी करवाई जाती हैं।
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