हंस है प्यार और पवित्रता का प्रतीक
हंस है प्यार और पवित्रता का प्रतीक
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हंस एक बहुत ही विवेकी, पवित्र और प्यार का प्रतीक माना जाने वाला पक्षी होता है.हंस हिन्दू धर्म में ज्ञान की देवी सरस्वती का वाहन भी है. इन पक्षियों को ज्यादातर मानसरोवर य किसी एकांत झील और समुद्र के किनारे देखा जा सकता है, ये वहीँ एकांत में अपना जीवन व्यतीत करते है. इस पक्षी एक खास बात ये भी है कि ये दाम्पत्य जीवन का पूर्ण उदहारण है. हंस अपने पुरे जीवन को एक साथी के साथ व्यतीत करता है यदि उनमे से किसी एक की मृत्यु हो जाती है तो दूसरा जीवन भर अकेले हे अपने जीवन को गुजर देता है. 

इनमे एक और खास बात ये भी होती है  कि ये अपने साथी का चयन अपनी सूझ बुझ के बल पर करते है, इनमें जंगल के नियमो के अनुसार मादा के लिए लड़ाई नही होती. इनमे अपने परिवार और समाज के लिए भी भावनाएं होती है. अगर आप किसी हंस को मार देते है तो हिन्दू धर्म में आपके इस कृत्य को पिता, देवता और गुरु की हत्या के समान माना जाता है और इस काम को करने वाले व्यक्ति को तीन जन्मो तक नर्क में अपना जीवन बिताना पड़ता है.

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