बर्लिन: भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों जर्मनी के दौरे पर हैं, और इसी के मध्य भारत के लिए एक अच्छी खबर निकल कर सामने आ रही है। खबर यह है की जर्मनी ने उच्चतम टेक्नोलॉजी के जरिये भारत की गंगा नदी के सफाई अभियान में मदद करने की इच्छा जताई है।
जर्मनी की चाहत है की वह यूरोप की मशहूर राइन नदी की ही तरह गंगा की सफाई करे। इसके लिए जर्मनी ने राइन की सफाई के दौरान उपयोग की गयी टेक्नोलॉजी को उत्तराखंड में स्थित गंगा नदी के एक हिस्से के पुनर्जीवन में प्रयोग करने की इच्छा जताई है। बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते वक़्त विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस प्रयोग के बारे में जिक्र किया। साथ ही साथ स्वच्छ गंगा अभियान और स्वच्छ विद्यालय पहल में भी सभी को आगे बढ़कर योगदान करने का निवेदन किया। स्वच्छ विद्यालय पहल का मुख्य लक्ष्य हर एक स्कूल में शौचालय उपलब्ध कराने से है।
सुषमा ने जानकारी दी, कि जर्मन के फैंक वॉल्टर स्टेनमेयर ने उनके साथ चली दो घंटे की वार्ता के दौरान उत्तराखंड में गंगा की सफाई करने का प्रस्ताव पेश किया है। अपने संबोधन के दौरान सुषमा ने यह भी बताया की ‘‘जर्मन के विदेश मंत्री ने मुझे बताया कि आप गंगा को माँ कहते हैं। हमने राइन नदी को साफ किया है। राइन नदी को हमने पिता समान दर्जा दिया है और गंगा माँ हैं।''