नई दिल्ली : मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को लेकर चल रही जांच कार्रवाई के दौरान करीब 40 लोगों की संदेहास्पद मौत हो चुकी है। यही नहीं रहस्यमय परिस्थितियों में हुई इन मौतों को लेकर की जा रही जांच सवालों के घेरे में है। मिली जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय द्वारा स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को सौंपा गया है। यही नहीं पुलिस ने इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है। मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि मरने वालों की आयु करीब 25 से 30 वर्ष बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि मरने वाले चंबल क्षेत्र के रहने वाले हैं। प्रमुखरूप से पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शेलैष यादव और मुख्य अभियुक्त फार्मासिस्ट विजय सिंह आदि इसमें शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर व्यापमं. के माध्यम से फर्जी नियुक्तियां हुई थीं।
जिसमें कई लोगों पर संदेह जताया जा रहा है। मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ एक एक्सेल शीट जारी की गई थी। इस एक्सेल शीट में कुछ नेताओं और भाजपा सरकार के नाम होने की बात भी कही गई लेकिन मामले को लेकर गठित जांच समिति ने इस एक्सेल शीट की सत्यता पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।