जयपुर : जयपुर में रहने वाली पाकिस्तानी हिंदु लड़की मशल माहेश्वरी के एडमिशन के मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने स्वंय आगे आकर मदद की पेशकश की है। उन्होने ट्वीट कर भरोसा जताते हुए कहा कि मशाल, परेशान मत हो मेरी बच्ची, मैं मेडिकल कॉलेज में तुम्हारे एडमिशन के मामले को पर्सनली उठाऊंगी।
बता दें कि मशाल ने 12वी की परीक्षा में 91 प्रतिशत मार्क्स लाया है, लेकिन इसके बावजूद वो जब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए पहुंची, तो उसकी पाकिस्तानी नागरिकता उसके आड़े आ गई। मशाल के पेरेंट्स पाकिस्तान के हैदराबाद में डॉक्टर थे। एक दिन अचानक उन्हें अगवा करने की कोशिश की गई।
किसी तरह वो खुद को बचाकर औऱ अपनी बेटी की भविष्य को देखते हुए तीन लाख प्रतिमाह की कमाई को छोड़कर धार्मिक वीजा पर जयपुर आ गए। शुरुआत में तो उन्हें कहीं रहने की जगह नहीं मिली। फिर बाद में माहेश्वरी समाज ने उनकी मदद की।
मशाल के परिजन सामने आने से डर रहे है, क्यों कि उन्हें डर है कि उनकी पहचान सामने आने के बाद पाकिस्तान में उनके रिश्तेदारों पर हमला हो सकता है। 10वीं तक की पढ़ाई पाकिस्तान में कर चुकी मशाल को जयपुर के रुक्मणि बिड़ला स्कूल में एडमिशन उनके एक रिश्तेदार की वजह से मिली।
दो साल तक उसने आकाश कोचिंग इंस्टीट्यूट से तैयारी की। मशाल को पता नहीं था कि भारत में सरकारी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में केवल भारतीय ही पढ़ सकते हैं। मशाल के पिता प्राइवेट अस्पताल में काम कर रहे हैं, जहां उन्हें सैलरी कैश में मिलती है, क्योंकि वे यहां बैंक अकाऊंट नहीं खुलवा सकते।
मशाल ने पीएम नरेंद्र मोदी और स्वास्थय मंत्री जे पी नड्डा को पत्र लिखकर मदद की अपील की है। मशाल ने बताया कि उसने पहले पीएम की ऑफिशियल वेबसाइट पर शिकायत की। पर वहां से कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला। दूसरी ओर सीमांत लोक संगठन के हिंदू सिंह सोढ़ा ने बताया कि वह इस मामले को होम मिनिस्टर तक पहुंचा चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।