भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी (MS Dhoni) ने हर मुश्किल समय में सुरेश रैना (Suresh Raina) का साथ दिया और रैना ने भी उन्हें कभी निराश नहीं किया. हाल में ही पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने बयान दिया था कि जब धोनी कप्तान थे, तो उस समय सुरेश रैना उनके फेवरेट खिलाड़ी थे. अब रैना ने युवराज की बात का जवाब देते हुए कहा कि माही भाई हमेशा मेरा साथ देते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि मैं टैलेंटेड हूं. उन्होंने मेरा साथ दिया और मैंने टीम इंडिया और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया.
रैना ने कहा कि धोनी की सबसे अच्छी बात ये थी कि वो दो मैच के बाद कहेंगे कि अगर तुम स्कोर नहीं करोगे तो कोई बड़ा कदम उठाना होगा. फिर मैं उनसे एक या दो मैच में मौका मांगता था. फैनकोड से बात करते हुए रैना ने बताया कि खराब फॉर्म के दौरान धोनी उन्हें सावधान करते थे और वे भी विश्वास दिलाते थे कि गलतियां नहीं दोहराएंगे.
मिडिल ऑर्डर में चुनौतियों का सामना: रैना ने बताया कि मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. हर मैच में अलग अलग चुनौतियां मिलती है. मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता. कभी आपको 10 से 15 ओवर तो कभी 30 ओवर बल्लेबाजी करनी होती है. हर बार अलग स्थिति का सामना करना होता है. मिडिल ऑर्डर की चुनौतती को मैंने सकारात्मक तौर पर लिया. रैना ने कहा कि मैं धोनी का शुक्रगुजार हूं,क्योंकि उन्होंने हमेशा ही मेरा साथ दिया. उन्हें हमेशा से पता था कि मेरे पास किस तरह की प्रतिभा है. सौरव गांगुली के बाद वो हमारे सबसे महान कप्तान रहे. 2011 में धोनी ने साथ दिया और इसी वजह से मैं वर्ल्ड कप की विजयी टीम का हिस्सा बन पाया.
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